सरकार ने जारी किया आदेश, अब इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाया जाएगा वेद-पुराण         

नई दिल्ली। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने एक ऐसा नया फरमान जारी किया है जिसके तहत अब सभी इंजीनियरिंग छात्रों को तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ वेद और पुराण भी पढ़ाया जाएगा। एआईसीटीई की तरफ से जारी इस नए पाठ्यक्रम के अनुसार अब उम्मीदवारों को वेद,पुराण,शास्त्र आदि का भी अध्ययन करवाया जाएगा।

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इसी के साथ छात्रों को अनिवार्य कोर्स के साथ संविधान और पर्यावरण विज्ञान के बारे में भी जानकारी दी जा सकती है और इसके परीक्षा मार्क्स फाइनल मार्क्स में जोड़े नहीं जाएगा।

वहीं छात्रों को अनिवार्य कोर्स के साथ संविधान और पर्यावरण विज्ञान के बारे में भी जानकारी दी जा सकती है और इसके परीक्षा मार्क्स फाइनल मार्क्स में जोड़े नहीं जाएगा। बता दें कि पाठ्यक्रम में ये बदलाव इसी साल से हो सकते हैं।

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खबरों के मुताबिक, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि पाठ्यक्रम को नए सिरे से तैयार किया गया है, क्योंकि अपडेटेड सेलेबस छात्रों का आधिकार है। भारतीय परंपराओं के ज्ञान वाले इन कोर्स में भारतीय दार्शनिक, भाषा, योग और कलात्मक परंपराओं पर ध्यान दिया जाएगा। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य थोट प्रोसेस, तर्क और इनफ्रेंसिंग के बुनियादी सिद्धांतों के बारे में बताना है।

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वहीं आईआईटी कानपुर के कम्प्यूटर साइंस के प्रोफेसर धीरज संघी ने कहा कि इस तरह के गैर-अनुशासन पाठ्यक्रमों को पढ़ाना अच्छा है, क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर ज्ञान में वृद्धि होती है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि यह अनिवार्य नहीं होना चाहिए। जावड़ेकर ने ये भी कहा है कि इससे इंजीनियरिंग छात्रों को समाज और इंडस्ट्री की जरूरत से कनेक्ट होने में मदद मिलेगी।

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