खेल पुरस्कार का नाम बदले जाने पर बोले गौतम गंभीर, कहा- ‘अवार्ड का नाम… ‘

ओलिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार परफॉर्मेंस के बाद अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा फैसला किया है। पीएम ने राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार के नाम से जाने जानी की घोषणा कर दी है। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने इस फैसले का समर्थन करते हुए बयान दिया है।

गौतम ने कहा कि, “ये चीज पहले ही हो जानी चाहिए थी, जब खेल रत्न सम्मान शुरू हुआ था, तभी किसी खिलाड़ी के नाम पर होना चाहिए था। मेजर ध्यानचंद से बड़े खिलाड़ी पूरे इतिहास में कोई नहीं। मोदी सरकार ने ये फैसला लिया इससे पूरा देश खुश होगा और समर्थन देगा।”

इस मामले को लेकर विवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि विवाद खड़ा करने के नाम पर तो किसी बात पर भी हो सकता है। खेल अवार्ड खिलाड़ी के नाम पर नहीं होगा तो किसके नाम पर होगा। इससे बेहतर फैसला नहीं हो सकता। इसके लिए इससे बेहतर टाइमिंग नहीं हो सकती थी, जब हमारी टीम 41 साल बाद पुरुष हॉकी टीम जीती, जैसे महिला हॉकी टीम में ओलिंपिक में प्रदर्शन किया। मेजर ध्यान चंद को भारत रत्न सबसे पहले मिलना चाहिए था। उम्मीद करता हूं आगे जाकर उन्हें भारत रत्न का अवार्ड मिलेगा। बता दें कि पहले खेल रत्न पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाता था।

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