Crime : पूरा परिवार मिलकर करता था कत्ल और लाश दफ्न कर लगाया जाता था सेब का पेड़, जानिए सीरियल किलर बेंडर्स फैमिली की कहानी


150 पहले की अमेरिकी में कैन्सास ओकला होमा में सीरियल किलर फैमिली की कहानी को बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल जर्मनी का 4 सदस्यीय एक परिवार 1870 में कैन्सास पहुंचा। उस दौरान इस परिवार ने वहां 160 एकड़ की जगह को खरीदा। इस जमीन का इस्तेमाल खेती और फल लगाने के लिए हुआ। वहां पर 2 कमरों का एक घर बनाया गया। परिवार के मुखिया जॉन बेंडर्स(60)उनकी पत्नी(55), बेटा जॉनी(27) और बेटी केक बेंडर्स(24) शामिल थे। 1872 तक यह लोग वहां रहते हैं और सब कुछ आम सा दिखता है। आपको बता दें कि जॉन बेंडर्स की पत्नी और उनकी बेटी काफी धार्मिक थे और मुर्दों और आत्माओं से बातचीत करते थे। यह बातें पड़ोसियों तक को पता थी। इस दौरान केन्सस से कुछ लोग गायब होना शुरु हो जाते हैं।

बेंडर्स परिवार के घर के आगे सूनसान जगह थी। परिवार ने अपने घर के बाहर ही छोटी-मोटी विश्रामालय(आधुनिक रेस्टोरेंट) जैसी जगह बनाई हुई थी। जहां कई मुसाफिर अक्सर आते रहते थे। अप्रैल 1873 में यूएस मिलिट्री में कर्नल जिनका नाम कर्नल एलेक्जेंटर इन यॉर्क और उनके भाई कैन्सास में सिनेटर थे। इनका एक भाई डॉक्टर विलियम यॉक कुछ दिन पहले घर से निकला जिसे एक सप्ताह के भीतर वापस जाना था। वापस न आने पर दोनों ने अपने भाइयों को खोजने का फैसला लिया। दोनों ने भाइयों ने 100 लोगों की टीम बनाई और खोजबीन शुरु की। खोजबीन करते अप्रैल 1873 में वह(कर्नल) यहां तक पहुंच जाते हैं। यहां भी वह अपने गुमशुदा भाई के बारे में पूछते हैं। बेंडर्स परिवार की पत्नी कहती है कि वह यहां आए थे कहीं चले गए। इसी दौरान पड़ोसियों ने बताया कि बेंडर्स परिवार में उनकी पत्नी मुर्दों और आत्माओं से बात करती हैं।

पत्नी और बेटी के अलग-अलग बयान से हुआ शक

कर्नल ने उनसे मदद की अपील की तो बेंडर्स की पत्नी ने हां कह दिया। लेकिन आधे घंटे की पूजा के बाद कहा कि वह उनके भाई को खोजने में असफल हैं। कर्नल ने वहां से आगे बढ़कर फिर तलाश शुरु की। कर्नल दो दिन बाद फिर वहां पहुंचे और परिवार से पूछताछ की। दोबारा पूछताछ में कर्नल ने गौर किया कि पत्नी और बेटी के बयान अलग-अलग हैं।

अचानक ही गायब हो गयी बेंडर्स फैमिली

इसके बाद कर्नल ने और सबूत जुटाने का प्रयास किया और एक सप्ताह बाद फिर वहां पहुंचे तो एक पड़ोसी ने बताया कि बेंडर्स फैमिली के बाहर कोई भी हलचल नहीं है। जिसके बाद कर्नल की पूरी टीम अंदर दाखिल हुई। जहां उन्हें कमरे में घुसते ही अजीम सी दुर्गंध आती है। जहां खून के कुछ धब्बे भी मौजूद रहते हैं। आगे बढ़ने पर एक दरवाजा दिखाई देता है जिसके पीछे एक और कमरा होता है। इसके बाद लोकल पुलिस को जानकारी दी जाती है।

कर्नल और उनकी टीम ने पीछे जाकर देखे तो सेब के पेड़ दिखाई दिए। वहीं कुछ मिट्टी भी उखड़ी होती है। जहां खुदाई करने पर एक लाश मिलती है। कपड़ों और बाकी चीजों से उसकी पहचान कर्नल के भाई के रूप में हुई। जिसके बाद बाकी जगह पर भी खुदाई हुई तो वहां से कुल 11 लाशें मिली। इसमें 10 लाशों का सिर धड़ से अलग था। 11 लाश जिसका सिर अलग नहीं था वह एक 7 साल की बच्ची की लाश थी। घटना की जानकारी बाहर आते ही मीडिया की टीम वहां पहुंची। लेकिन बेंडर्स फैमिली का कोई पता नहीं लगा। इस बीच उन पर इनाम की भी घोषणा हुई।

जॉन बेंडर्स की पत्नी की हो चुकी थी कई शादी, सबका हुआ था कत्ल

बाद में पता लगा की जॉन बेंडर्स जर्मनी का रहना वाला था। वहां से वह अमेरिका के केन्सस पहुंचा। उसकी पत्नी के बारे में पता लगा कि उसकी कई शादियां हुई थी। लेकिन उसके पति की मौत हो गई। खुलासा हुआ कि उसके सभी पति जिनकी मौत हुई उनके सिर पर चोट के निशाना थे। आगे जाकर पता लगा कि उसे उसने ही मारा था। वह मुर्दों से बात करने औऱ बाकी चीजों के लिए यह करती थी। बाद में यही आदत उसकी बेटी में आई। केन्सस में उनके रेस्टोरेंट में मुसाफिर के आने पर उनके परिवार ने यह काम अन्य लोगों के साथ शुरु किया। रेस्टोरेंट में आने वाले लोगों को जॉन बेंडर्स मारते हैं, बेटा गड्ढा खोदता है और बाकी लोग उसे दफन करने में सहायता करते हैं। ऐसा यह लोग सिर्फ पैसा कमाने के लिए करते हैं। कहा जाता है कि इन लोगों ने 21 कत्ल किए थे। इसमें कुछ लोगों की लाश पास की नदी में भी मिली।

आखिर कहां गई बेंडर्स फैमिली

कर्नल के पहुंचने पर फैमिली को डर हुआ कि वह पकड़े जाएंगे। इस घटना को अभी तक 150 साल हो गए हैं लेकिन उस परिवार के बारे में पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है।

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