मेरठ में सामने आई पुरानी दास्तान मेडिकल सर्टिफिकेट की पहेली में उलझी

रिपोर्ट- लोकेश टण्डन

मेरठ। उत्तर प्रदेश में यूपी पुलिस के आए दिन नये-नये कारनामें देखने को मिल रहे है। चाहे वो लखनऊ का शूटआउट कांड हो या मेरठ में छेड़छाड़। दरअसल छेड़छाड़ के एक मामले में मेरठ पुलिस की एक बार फिर करतूत सामने आई है।

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ताजा मामला मेरठ के टीपी नगर क्षेत्र के मलियाना में स्कूल का है जहां कुछ छात्राओं ने वर्ष 2016 में शिक्षक परविंदर पर छेड़छाड़ और अश्लीलता करने का आरोप लगाया था। छात्राओं ने इस बात के विरोध पर डीएम कार्यालय तक पर हंगामा प्रदर्शन किया था और शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। इसी बात को लेकर शिक्षक परविंदर को दूसरी जगह अटैच किया गया था।

हालांकि बाद में परविंदर ने मलियाना के ही स्कूल में दोबारा तैनाती पाई थी। वहीं विरोध पर बच्चियों के परिजनों और स्थानीय लोगो ने स्कूल में शिक्षक परविंदर कुमार की जमकर पिटाई की। मामले में परविंदर की ओर से टीपी नगर थाने में पार्षद प्रवीण राही, प्राचार्य राजेश कुमार अग्रवाल और मास्टर श्याम सुंदर के अलावा 10-12 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।

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इस पूरे मामले में विवेचक ने डॉ विपिन शर्मा की मेडिकल रिपोर्ट को केस डायरी का हिस्सा बनाया । प्रतिवादी पक्ष ने जब छानबीन की तो खुलासा हुआ कि डॉ विपिन शर्मा की 30 नवंबर 2016 को मृत्यु हो चुकी है । इस बात की पुष्टि स्थानीय नगर निगम के मृत्यु प्रमाण पत्र से भी हो रही है। अब सवाल यही है कि जब 30 नवंबर 2016 को डॉ विपिन शर्मा की मृत्यु हो गई तो 8 दिसंबर 2016 को उनके नाम से आशुतोष नर्सिंग होम के लेटर पैड पर किसने मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया। मामला उजागर होने के बाद आज आरोपियों के परिजन एसएसपी ऑफिस पहुँचे और न्याय की गुहार लगाई। एसएसपी ने मामले में तफ्तीश करने की बात कही है।

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