CJI ने जताई चिंता, पुलिस हिरासत में पहुंच वाले भी थर्ड डिग्री से नहीं बच पाते

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने रविवार को कहा कि हिरासत में प्रताड़ना और पुलिस अत्याचार जैसी समस्या अब भी बनी हुई है। रिपोर्ट देखा जाए तो पता चलता है कि पहुंच वाले लोग भी थर्ड डिग्री ट्रीटमेंट से नहीं बच पाते हैं।

पुलिस अत्याचार रोकने के लिए कानूनी मदद पाने के संवैधानिक अधिकार और मुफ्त कानूनी मदद उपलब्ध होने की जानकारी का प्रसार होना जरूरी है। नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी को पूरे देश में पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील बनाने का भी अभियान चलाना चाहिए।

प्रधान न्यायाधीश ने विज्ञान भवन में आयोजित नालसा के विजन एंड मिशन स्टेटमेंट और लीगल सर्विस एप को लांच करते हुए यह बात कही है। जस्टिस रमना ने मानवाधिकारों और व्यक्ति की गरिमा की बारे में चिंता जताते हुए कहा कि मानवाधिकारों और व्यक्ति की शारीरिक गरिमा को सबसे अधिक खतरा पुलिस थाने में होता है। संवैधानिक घोषणा और गारंटी होने की बावजूद पुलिस थानों में प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व न होने से गिरफ्तार व्यक्ति की बहुत हानि होती है।

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