रेप केस दर्ज करने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन

Pragya mishra

हुसैन ने कहा कि उच्च न्यायालय इस बात की सराहना करने में विफल रहा कि वह एक सार्वजनिक व्यक्ति है और उसे “दुर्भावनापूर्ण इरादे” से झूठा फंसाया जा रहा है।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शाहनवाज हुसैन ने अपने खिलाफ रेप का मामला तत्काल दर्ज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ गुरुवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।उन्होंने हाईकोर्ट के बुधवार के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। हुसैन ने प्रस्तुत किया कि उच्च न्यायालय इस बात की सराहना करने में विफल रहा कि वह एक सार्वजनिक व्यक्ति है और उसे “दुर्भावनापूर्ण इरादे” से झूठा फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस “झूठे आरोपों” के आधार पर मामला दर्ज करती है तो उनका “बेदाग करियर और प्रतिष्ठा” पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाएगी।

हुसैन ने दावा किया कि आरोप एक वैवाहिक विवाद का परिणाम थे जो शिकायतकर्ता का राजनेता के भाई के साथ था। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने पहले उन्हें डराने-धमकाने के झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे।उच्च न्यायालय ने पुलिस को हुसैन के खिलाफ मामला “तत्काल” दर्ज करने का आदेश दिया। दिल्ली की रहने वाली एक महिला शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि हुसैन ने अप्रैल 2018 में दिल्ली के अपने फार्महाउस में उसे ड्रग दिया और उसके साथ रेप किया।उच्च न्यायालय ने पुलिस को तीन महीने के भीतर जांच पूरी करने और निचली अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

बता दे कि गुरुवार को हुसैन के वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के समक्ष अपील का उल्लेख करते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की। लेकिन याचिका खारिज कर दी गई। वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा के अपील पर बहस करने की संभावना है।

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