Bhopal: आठ साल पुराना मामला, रैगिंग लेना पड़ा महंगा,अब पड़ेगा 5 साल तक जेल में सड़ना

8 साल पुराने कॉलेज में रैगिंग के मामले में जिला न्यायलय ने 4 युवतियों (निधि, दीप्ति, कृति और देवांशी) को 5-5 साल के लिए जेल और दो-दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, इस मामले में सबूत नहीं मिलने पर कोर्ट ने मनीष नामक शिक्षक को रिहा कर दिया है।

क्या था पूरा मामला ?

आरकेडीएफ कॉलेज में बी-फार्मा सेकेंड ईयर की छात्रा अनीता शर्मा ने 6 अगस्त 2013 की रात अपने घर में फांसी लगा ली थी.उसके कमरे से सुसाइड नोट मिला था। इसमें लिखा था, ‘मैं अनीता शर्मा बी-फार्मा सेकेंड ईयर की छात्रा हूं. जब से मैं कॉलेज आई, तभी से मेरे साथ रैगिंग हो रही है। ये चारों लड़कियां (निधि, दीप्ति, कीर्ति और देवांशी) बहुत गंदी हैं. मैंने इन्हें एक साल तक कैसे झेला, ये मैं ही जानती हूं. मुझसे इन्होंने मिड सेम की कॉपी तक लिखवाई थी. शिकायत करने पर मनीष सर ने मुझे कहा कि कॉलेज में रहने के लिए सीनियर्स की बात माननी पड़ती है.

माता-पिता से कहा – मुझे मिस मत करना
अनीता ने सुसाइड नोट में परिवार के लिए लिखा था, ‘मॉम एंड डैड आई लव यू. आप मुझे मिस मत करना. ब्रदर सबसे ज्यादा तू रोने वाला है, क्योंकि तेरी बेस्ट फ्रेंड जा रही है. मैं न गंदी बन सकती हूं, न स्ट्रॉन्ग. मुझे पिंक सूट पहना कर जलाना. पापा मैं जानती हूं कि मैं आपकी फेवरेट रही हूं. चाहती थी कि पढ़-लिखकर खूब पैसा कमाऊं और एक बड़ा घर बनवाऊं

रैगिंग के मामले में एमपी दूसरे पायदन पर

यूजीसी की एंटी रैंगिग हेल्पलाइन के आंकड़ों में मध्यप्रदेश दूसरे पायदन पर है. साल 2019 में मध्यप्रदेश में रैंगिग की 132 शिकायतें दर्ज हुई थीं. जो काफी चिंताजनक है. उम्मीद करते है कि भोपाल जिला अदालत का यह फैसला भविष्य में कॉलेजों में होने वाली रैंगिग की घटनाओं के लिए एक उदाहरण बनेगा.

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