एशिया कप 2025: सूर्यकुमार यादव की फॉर्म ने बढ़ाई भारत की चिंता, कप्तानी का दबाव या तकनीकी खामी?

एशिया कप 2025 में भारतीय टी20 टीम ने कप्तान सूर्यकुमार यादव के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बना ली है। यूएई, पाकिस्तान, ओमान और बांग्लादेश के खिलाफ लगातार जीत के साथ भारत ने टूर्नामेंट में अजेय रहते हुए अपनी ताकत दिखाई।

हालांकि, कप्तान सूर्यकुमार यादव की बल्लेबाजी फॉर्म ने टीम प्रबंधन और प्रशंसकों के लिए चिंता का विषय बना दिया है। उनके खराब प्रदर्शन ने सवाल उठाए हैं कि क्या कप्तानी का दबाव उनकी बल्लेबाजी को प्रभावित कर रहा है, या यह तकनीकी खामियों का नतीजा है? आगामी टी20 विश्व कप 2026 से पहले यह मुद्दा भारत के लिए महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है।

सूर्यकुमार की फॉर्म: आंकड़े और विश्लेषण
एशिया कप 2025 में सूर्यकुमार ने पांच मैचों में केवल 59 रन बनाए, जिसमें उनकी स्कोरलाइन 7* (नाबाद), 47, 0, 5 और एक मैच में बल्लेबाजी न करना शामिल है। बांग्लादेश के खिलाफ सुपर-4 मुकाबले में उनकी खराब बल्लेबाजी और अभिषेक शर्मा के साथ रन-आउट ने भारत की मध्य क्रम की कमजोरी को उजागर किया। 2025 में सूर्यकुमार ने 9 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में केवल 87 रन बनाए, जो उनके सामान्य औसत और स्ट्राइक रेट से काफी कम है।

उनके करियर के आंकड़े उनकी प्रतिभा को दर्शाते हैं। 86 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में सूर्यकुमार ने 167.07 के स्ट्राइक रेट से 2,598 रन बनाए, जिसमें चार शतक और 21 अर्धशतक शामिल हैं। हालांकि, कप्तानी संभालने के बाद 27 टी20 मैचों में उनका औसत 26.82 रहा, जबकि गैर-कप्तानी वाले 59 मैचों में यह 43.40 था। यह अंतर साफ तौर पर कप्तानी के दबाव की ओर इशारा करता है।

कप्तानी का दबाव या तकनीकी खामी?
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने सूर्यकुमार की शॉट चयन पर सवाल उठाए। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में गावस्कर ने कहा, “कप्तान के लिए कुछ रन बनाना जरूरी था। वह नंबर चार पर आए और फिर वही शॉट खेलकर आउट हो गए। यह उनका मजबूत शॉट है, लेकिन जब आप फॉर्म में नहीं हैं, तो शायद पहले पिच को समझना चाहिए। 25-30 रन बनाने के बाद वह शॉट खेल सकते थे।” गावस्कर ने यह भी सुझाव दिया कि सूर्यकुमार को ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करनी चाहिए थी, न कि शिवम दुबे जैसे फिनिशर को नंबर तीन पर भेजना चाहिए था।

पाकिस्तान के खिलाफ सूर्यकुमार का रिकॉर्ड भी चिंताजनक है। पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उन्होंने केवल 64 रन बनाए, जिसमें सर्वोच्च स्कोर 18 है। पूर्व पाकिस्तानी बल्लेबाज बाजिद खान ने कहा, “सूर्यकुमार हर टीम के खिलाफ रन बनाते हैं, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ उनकी कमजोरी साफ दिखती है।”

सूर्यकुमार की कप्तानी: तारीफ और आलोचना
सूर्यकुमार की कप्तानी को व्यापक रूप से सराहा गया है। उन्होंने जुलाई 2024 में टी20 कप्तानी संभालने के बाद से भारत को कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं हारने दी। एशिया कप में भी उनकी रणनीति, जैसे स्पिनरों का प्रभावी उपयोग (कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और वरुण चक्रवर्ती ने पाकिस्तान के खिलाफ 13 ओवर में 65 रन देकर छह विकेट लिए) और खिलाड़ियों को मौके देना, ने उनकी नेतृत्व क्षमता को दिखाया। पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने उनकी कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा, “सूर्यकुमार रोहित शर्मा के सही उत्तराधिकारी हैं। उन्होंने हार्दिक पांड्या और अभिषेक शर्मा जैसे ऑलराउंडरों का बखूबी इस्तेमाल किया।”

हालांकि, कुछ आलोचकों का मानना है कि सूर्यकुमार की बल्लेबाजी में कमी उनकी कप्तानी की जिम्मेदारियों से प्रभावित हो रही है। X पर एक यूजर ने लिखा, “सूर्यकुमार पिछले दो सालों में टीम के लिए बोझ बन गए हैं। वह पहले जैसे क्लच खिलाड़ी नहीं रहे।” इसके विपरीत, उनके प्रशंसकों ने उनकी निस्वार्थ कप्तानी की तारीफ की, खासकर ओमान के खिलाफ मैच में, जहां उन्होंने खुद को 11वें नंबर पर रखकर अन्य बल्लेबाजों को मौका दिया।

रणनीतिक फैसले और ओमान मैच
ओमान के खिलाफ ग्रुप स्टेज के अंतिम मैच में सूर्यकुमार ने खुद को बल्लेबाजी से बाहर रखा और संजू सैमसन (56 रन), हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल और तिलक वर्मा जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया। इस फैसले की सुनील गावस्कर ने तारीफ की, इसे “टीम-फर्स्ट” दृष्टिकोण करार दिया। हालांकि, कुछ आलोचकों ने कहा कि कप्तान को अपनी फॉर्म हासिल करने के लिए कुछ गेंदें खेलनी चाहिए थीं।

आईपीएल बनाम अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन
सूर्यकुमार का आईपीएल 2025 में प्रदर्शन शानदार रहा, जहां उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए 16 मैचों में 717 रन बनाए। यह उनके अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन से बिल्कुल उलट है, जहां वह 2025 में केवल 87 रन बना सके। यह अंतर बताता है कि कप्तानी का दबाव और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की अपेक्षाएं उनकी बल्लेबाजी को प्रभावित कर रही हैं।

आगामी चुनौतियां और टी20 विश्व कप
एशिया कप फाइनल सूर्यकुमार के लिए अपनी फॉर्म वापस पाने का एक बड़ा मौका है। टी20 विश्व कप 2026 से पहले भारत को अपने कप्तान की बल्लेबाजी पर भरोसा चाहिए, खासकर तब जब अभिषेक शर्मा जैसे सलामी बल्लेबाज शानदार फॉर्म में हैं, लेकिन मध्य क्रम में स्थिरता की कमी है। अगर सूर्यकुमार अपनी फॉर्म नहीं सुधार पाए, तो उनकी कप्तानी और टीम में जगह पर सवाल उठ सकते हैं।

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