दंगा प्रभावित मुर्शिदाबाद के दौरे के बाद बंगाल के राज्यपाल ने कहा, विचित्र और बर्बर
राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि हिंसा प्रभावित सीमावर्ती जिले का उनका दौरा, जमीनी स्तर पर घटित घटनाओं के बारे में विरोधाभासी रिपोर्ट मिलने के बाद हुआ।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने शनिवार को दंगा प्रभावित जिले मुर्शिदाबाद के दौरे के बाद वहां की जमीनी स्थिति को विचित्र और बर्बर बताया।
राज्यपाल ने इस महीने की शुरुआत में वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा मारे गए पिता-युगल के परिवार के सदस्यों से मिलने के बाद इंडिया टुडे से विशेष बातचीत की । बोस ने परिवार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया और कहा कि वह इस मामले को केंद्र के समक्ष उठाएंगे।
राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि हिंसा प्रभावित सीमावर्ती जिले का उनका दौरा, जमीनी स्तर पर घटित घटनाओं के बारे में विरोधाभासी रिपोर्ट मिलने के बाद हुआ।
बोस ने कहा, “मेरे आकलन की पुष्टि केवल मेरे द्वारा ही की जानी है। मेरे पास विरोधाभासी रिपोर्ट थी। इसलिए मैं मुर्शिदाबाद आया। मैंने जो देखा वह विचित्र था। यह बर्बर था। मानव व्यवहार के पतन की कुरूप प्रवृत्ति।”
राज्यपाल, जो पदभार ग्रहण करने के बाद से ही विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार के साथ टकराव में रहे हैं, ने एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि लोगों का व्यवस्था से विश्वास उठ गया है।
उन्होंने कहा, “चुनावों के दौरान हिंसा होती थी, लेकिन अब यह लगातार हो रही है। एक वर्ग दूसरे पर बल प्रयोग करने की कोशिश कर रहा है। यह कट्टरवाद का सबसे खराब रूप है। लोगों का सिस्टम से भरोसा उठ गया है।”
राज्यपाल ने आगे कहा कि स्थानीय लोगों ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी मांगें रखी हैं। बोस ने कहा, “मैं अपनी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार के साथ साझा करूंगा। फिलहाल उन्हें सार्वजनिक डोमेन में साझा नहीं किया जा सकता है।”
हिंसा प्रभावित इलाकों के दौरे के दूसरे दिन शनिवार को राज्यपाल मुर्शिदाबाद के समशेरगंज, धुलियान, सुती और जंगीपुर गए। इस दौरान हिंसा से प्रभावित कई स्थानीय लोगों ने इलाके में स्थायी बीएसएफ कैंप की मांग को लेकर बैनर थामे हुए थे।
वक्फ अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों के दौरान बंगाल में हिंसा
वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई । यह कानून मुसलमानों द्वारा दान की गई वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करता है। हिंसा में हिंदुओं के कई घरों में तोड़फोड़ की गई, जिसके कारण उन्हें पड़ोसी मालदा के राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी।