चंद्रग्रहण के वक़्त क्या करें और क्या न करें, पढ़िए पूरी ख़बर

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल का अंतिम चंद्र ग्रहण कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, शुक्रवार (19 नवंबर) को लगेगा। उत्तर-पूर्वी राज्यों में दिखाई देने वाला, यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा धार्मिक। 18 फरवरी 1440 के 580 साल बाद इतना लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण देखा जाएगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार कि सूतक काल में शुभ कार्य नहीं करने चाहिए, लेकिन बहुत से लोग आंशिक व खंडग्रास ग्रहण चंद्र ग्रहण के दौरान भी ग्रहण से जुड़े नियमों का पालन करते हैं। अनुमानित तौर पर 21वीं सदी में कुल 228 चंद्र ग्रहण होंगे। आइए अपको बताते हैं कि इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

चंद्र ग्रहण के दौरान –

  • इस दौरान भोजन पकाना या खाना-पीना वर्जित है।
  • ग्रहण के वक़्त पूजा न करें और मंदिर के पट को बंद कर दें।
  • ग्रहण के दौरान सोने से बचें।
  • गर्भवती महिलाएं ग्रहण के समय घर से बाहर निकलने से बचें।
  • ग्रहण के दौरान पेड़-पौधों को न छूएं।
  • ग्रहण के जौरान सिलाई, काटाई (जिस कार्य में किसी भी तरह से चुभोना पड़े) आदि जैसे कार्य करने से बचें।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान झगड़ा न करें।

ग्रहण से पहले-

  • ग्रहण के दौरान आप भगवान का नाम जपें और मंत्रों का जाप करें।
  • ग्रहण शुरु होने से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालें।

ग्रहण के बाद-

  • ग्रहण के बाद घर की साफ-सफाई करें।
  • पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें और नहाएं।
  • ग्रहण के बाद दान पुण्य करें।

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