नहाय-खाय के पहले दिन यमुना नदी में जहरीले झाग के बीच महिलाओं ने किया स्नान, लोग बोले-दिल्ली में स्नोफॉल का मज़ा

नहाय-खाय की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन दिल्ली से इस दिन की जो तस्वीरें सामने आई हैं वो बेहद निराशाजनक हैं। यमुना नदी में स्वच्छ पानी कम पर जहरीले झाग की अधिक मात्रा है, यानी नदी में जहरीला झाग इकट्ठा है, जिसमें महिलाएं नहाय-खाय के दिन स्नान करती हुई नज़र आ रही है। कोरोना के चलते डीडीएमए ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा की अनुमति नहीं दी है, परंतु लोगों की आस्था होने के कारण पूजा कर रहे है।

न्यूज एजेंसी ANI ने इससे जुड़ी कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर किया है, जिसमें यमुना नदी में तैरते जहरीले झाग के बीच स्नान करते श्रद्धालु दिख रहे है। यह तस्वीरें कालिंदी कुंज के पास की हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो दिवाली पर हुई आतिशबाजी के चलते दिल्ली की हवा प्रदूषित हो गई है और पड़ोसी राज्यों द्वारा पराली जलाने से यमुना नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ गया है, जिसकी वज़ह से छठ के महापर्व में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। यमुना नदी की ऐसी हालत पर यहां आने वाले श्रद्धालु बेहद निराश हैं। लोगों का कहना है कि इससे हमें बहुत परेशानी हो रही है। इससे बीमारियां भी हो सकती हैं, लेकिन हम असहाय हैं। दिल्ली सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि घाटों और नदी के पानी की सफाई हो। दिल्ली से बेहतर पानी की सफाई और घाट बिहार में बेहतर है।

इस वीडियो को देखकर लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है, एक ने कहा- बादल जमीन पर तो वहीं दूसरे ने कहा- साबुन की जरुरत नहीं है।

आपको बता दें कि छठ पूजा सूर्य भगवान को समर्पित है। यह त्यौहार मुख्य रुप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के द्वारा मनाया जाता है। इस चार दिवसीय उत्सव में नदियों और तलाबों में डुबकी लगाई जाती है, सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस साल छठ की शुरुआत 8 नवंबर से हुई और 11 नवंबर को उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगी।

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