पाकिस्तान में स्कूली किताबों को लेकर मचा बवाल, बच्चों को पढ़ाया जा रहा ऐसा पाठ

पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार द्वारा जिस नए सिलेबस में नए पाठ्यक्रमों को जोड़ा गया, उसमें यह साफ़ ज़ाहिर होता है कि महिलाओं को मर्दों के मुकाबले नीचे और कमज़ोर दिखाने की कोशिश की गई है। इसको लेकर पूरे देश में विवाद छिड़ा हुआ है।

इमरान खान की सरकार ने शिक्षा प्रणाली में असमानता को समाप्त करने के उद्देश्य से सिंगल नेशनल करिकुलम लागू किया था, जिसके तहत नई किताबेंको प्रस्तुत की गई थी। लेकिन अब इन्ही किताबों के ज़रिए औरतों को मर्दों के मुकाबले कमतर दिखाने के आरोप लग रहे हैं। इन किताबों में महिलाओं को मां, बेटी और शिक्षक दिखाया गया है, तो वहीं मर्दों को खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की कोशिश की गई है।

सेंटर फॉर एजुकेशन एंड अवेयरनेस के सीईओ बेला रजा जमील ने इन किताबों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पाकिस्तान में लड़कियां और महिलाएं अभी खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। वे ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। वे पर्वतों पर चढ़ रही हैं। फिर किताबें इसे क्यों नहीं दर्शाती हैं। पाकिस्तान के शिक्षा विशेषज्ञों और सामाजिक संस्थाओं ने भी सरकार पर ऐसे आरोप लगाए हैं। इसके आलावा पाकिस्तान की तरक्कीपसंद आवाम ने भी विरोध दर्ज कराया है।

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