इस रहस्मयी गुफा में छिपे हैं भगवानों के कई राज़ जिनको आपने शायद ही पहले कभी देखा होगा
ये दुनिया रहस्यों से भरी हुई है और आये दिन नए नए रहस्य सामने आते ही रहते हैं. ऐसे ही कई सौ साल पहले कई ऐसी ऐतिहासिक चीजें हैं जो आज भी हमसे अंजान हैं. बता दें,गणेश जी का सिर कटा और विष्णु भगवान द्वारा गणेश जी के धड़ से गजासुर का सिर जोड़ा गया. इस कथा के बारे में आपको पता ही होगा. लेकिन क्या आपके मन में यह सवाल नहीं उठता है कि गणेश जी के कटे हुए सिर का क्या हुआ. आज हम इसी के बारे में बताने जा रहे हैं. अगर आपको भी जानना है तो आइये बता देते हैं इसके बारे में.
अगर आप उस कटे हुए सिर को देखना चाहते हैं तो आपको उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित एक गुफा के अंदर जाना होगा. यहां न सिर्फ आपको गणेश जी के कटे हुए सिर दिखेंगे बल्कि कई और भी ऐसी ही चीज़ें हैं. इस रहस्यमयी गुफा की खोज धरती पर भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले आदिगुरू शंकराचार्य को माना जाता है. यह ऐसी गुफा है जिसके वहां मौजूद होने की कल्पना करना भी आम आदमी के लिए मुश्किल हो सकता था क्योंकि यह पहाड़ी से करीब 90 फिट अंदर पाताल में मौजूद है. इसमें प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को जंजीर का सहारा लेना पड़ता है. रहस्यमयी गुफा में आप जाएंगे तो देखकर हैरान रह जाएंगे कि गुफा में करीब 33 करोड़ देवी-देवता मौजूद हैं. यानी यह गुफा अपने आप में पूरा का पूरा देवलोक प्रतीत होता है. इसमें सबसे बड़ी बात है कि इसी गुफा में एक स्थान पर गणेश जी का कटा हुआ सिर भी रखा हुआ है.
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बता दें, भगवान गणेश का कटा हुआ सिर है जिस पर भगवान शिव की अद्भुत कृपा आज भी बनी है. अब आप यह भी जान लीजिए कि इस गुफा का नाम है पाताल भुवनेश्वर गुफा यानी संसार के मालिक ईश्वर की गुफा. भगवान शिव ने अपने पुत्र के कटे हुए सिर की तृप्ति के लिए यहां सहस्रकमल दल की स्थापना की है ऐसी मान्यता है. इस कमल दल से जल की बूंदें भगवान गणेश के सिर पर टपकता है. कमल के मध्य से टपकता हुआ बूंद सीधे गणेश जी के मुंख में जाता है. कुदरत के इस अद्भुत दृश्य को देखकर श्रद्धालु भाव-विभोर होकर हैरत में पड़ जाते हैं. गणेश जी के पास ही अमरनाथ, केदारनाथ और बद्रीनाथ की भी प्रतिमूर्ति यानी सिर्फ इस गुफा में आने से आप ब्रदी, केदार और अमरनाथ के दर्शन का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.