जकरबर्ग को बचाने में लगा फेसबुक, बना रहा है खास सुरंग
नई दिल्ली। फेक न्यूज फैलाने से लेकर यूजर्स का डेटा ऐड कंपनियों के बेचने जैसे आरोप सीधे मार्क जकरबर्ग पर लगाए जाते हैं और उनकी जवाबदेही भी तय की जाती है।
ऐसे में मार्क जकरबर्ग की सुरक्षा भी कंपनी की सभी प्राथमिकताओं में शामिल है। बिजनेस इनसाइडर की मानें तो कंपनी उनकी सुरक्षा पर एक साल में करीब 70 करोड़ रुपये खर्च करती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जकरबर्ग को मिलने वाली धमकियां फेसबुक की बड़ी चिंता है और इसी के चलते कंपनी अपने सीईओ की सुरक्षा करने वाली एग्जिक्यूटिव-प्रोटेक्शन को सालाना 70 करोड़ से ज्यादा भुगतान किया जाता है। मार्क की सुरक्षा के लिए कंपनी ने इस बजट में 70 से ज्यादा लोगों की एक सिक्यॉरिटी टीम है।
साथ ही कहा जा रहा है कि फेसबुक किसी आपात स्थिति में सीईओ की सुरक्षा के लिए और उन्हें एक से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए ‘टनल’ बना रहा है।
सिक्यॉरिटी टीम के हेड यूएस सीक्रेट सर्विस एजेंट जिल लीवेन्स जोन्स हैं। उनके अलावा फेसबुक के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर शेरिल सैंडबर्ग को भी इस सिक्यॉरिटी पॉलिसी में कवर किया गया है।
जकरबर्ग और सैंडबर्ग फेसबुक के ऐसे दो नाम हैं जिन्हें 24/7 सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। इन दोनों एक्जिक्यूटिव को रोजाना सैकड़ों धमकियां मिलती हैं, जिनके चलते सुरक्षा बढ़ाई गई है।
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फेसबुक कर्मचारियों का कहना है कि मार्क को उनके ऑफिस से ही पैनिक टनल और बुलेटप्रूफ कॉन्फ्रेंस रूम का एक्सेस मिला हुआ है। हालांकि अभी यह कंफर्म नहीं है।