महाराष्ट्र सीएम ने पूरी की महिला कांस्टेबल की चाहत, बच गई नौकरी

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की फड़णनवीस सरकार ने आखिरकार उस फ़ाइल को पास कर दिया है, जिसमें पुलिस कांस्टेबल की नौकरी कर रहीं ललिता साल्वे का भविष्य निर्भर था। पूरे मामले पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सख्ती से गृह विभाग को पहले ही निर्देश दिए थे।

कांस्टेबल की नौकरी

महाराष्ट्र पुलिस में कांस्टेबल ललिता साल्वे की राज्य सरकार ने सुन ली है। अब वह अपना लिंग परिवर्तन करा सकेंगी। जल्द ही वह इसके लिए सेक्स चेंज सर्जरी कराएंगी।

बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णनवीस ने उस फाइल को हरी झंडी दी है, जिसमें साल्वे ने अपना लिंग परिवर्तन कराने को लेकर सर्जरी कराने की अनुमति मांगी थी। महिला कॉन्स्टेबल ने इस संबंध में सीएम से मुलाकात भी की थी।

दरअसल पूरा मामला तब प्रकाश में आया 2010 में पुलिस जॉइन करने वाली ललिता की अपील को उनके सीनियर अधिकारियों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था, जिसके बाद वह बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचीं।

वहां उन्होंने अपनी दलील में कहा कि डॉक्टर्स ने मेडिकल जांच में पाया है कि उनकी भावनात्मक और मानसिक स्थिति उनकी बायलॉजिकल लिंग के अनुरूप नहीं है।

29 वर्षीय साल्वे यहां के बीड जिले में वीमेंस स्क्वॉड में कॉन्स्टेबल पद पर तैनात हैं। वह खुद को ललिता के बजाय ललित कहना पसंद करती हैं।

साल्वे को काफी साल बाद मालूम पड़ा था कि उनके शरीर में अविकसित पुरुष अंग है, जिसके बाद उन्होंने लिंग परिवर्तन कराने के बारे में सोचा और फिर सरकार के पास उसके लिए आवेदन दिया।

बता दें की, एक ऐसा ही एक मामला तमिलनाडु में भङी सामने आया था, जहां एक ट्रांसजेंडर को मद्रास हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पुलिस में भर्ती किया गया।

के पृथिका याशिनी पैदाइशी पुरुष थीं, बाद में उन्होंने लिंग परिवर्तन कराया और पुलिस में ट्रांसजेंडर के रूप में आवेदन किया लेकिन उनके आवेदन को रद्द कर दिया गया। बाद में वे कोर्ट गईं और कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन्हें पुलिस में भर्ती किया गया और वह सब-इंस्पेक्टर बन सकीं।

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