भारत की ताकत में इजाफा, इसरो ने लांच किया नेविगेशन सैटेलाइट IRNSS-1I

श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज सुबह भारत की बढ़ती हुई तकनीक और ताकत में एक और अध्याय लिख दिया हैं। इसरो ने अपने नेविगेशन सैटेलाइट (IRNSS-1I) को पीएसएलवी-सी41 रॉकेट के जरिए गुरुवार सुबह 4.04 बजे श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के एफएलपी से लांच किया। यह सैटेलाइट पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से निर्मित हैं।

IRNSS-1I सैटेलाइट का वजन 1425 किलोग्राम, लंबाई 1.58 मीटर, ऊंचाई 1.5 मीटर और चौड़ाई 1.5 मीटर है. इस सैटेलाइट को बनाने में 120 करोड़ की लागत लगी।

इस सैटेलाइट के उपयोग से संमुद्री नेविगेशन में मदद मिलेगी और साथ ही यह सैन्य क्षेत्र के लिए भी सहायक साबित होगी। यह सैटेलाइट इसरो की नाविक प्रणाली का हिस्सा होगी। इंडियन सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम ‘नाविक’ में 9 सैटेलाइट हैं।

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इससे पहले इसरो ने 29 मार्च को कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैटR-6ए को लॉन्‍च किया था। हालांकि इससे इसरो का संपर्क टूट गया है। इसरो  ने लगातार सैटेलाइट से संपर्क साधने की कोशिश जारी रखी हैं।

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गौरतलब है कि इसरो उपग्रह की गतिविधियों को लेकर चुप्पी साधे हुए था। इसरो ने एक बयान में कहा है कि 31 मार्च की सुबह द्रव अपोगी मोटर (एलएएम) ने करीब 53 मिनट चल कर जीसैटR-6ए को दूसरी कक्षा तक सफलतापूर्वक पहुंचाया।

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