राहुल के हिंदुत्व पर उठे सवाल, भगवान ने दिया आधे से ज्यादा
नई दिल्लीः देश के साथ दुनिया की निगाहें गुजरात विधानसभा चुनावों पर लगी थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में भाजपा ने छठी बार सरकार बनाई। चुनाव में जीत भले ही बीजेपी की हुई लेकिन दिल जीतने में राहुल गांधी कामयाब रहे। इस बार भगवान का ‘आशीर्वाद’ भी कांग्रेस अध्यक्ष को मिला।
गुजरात में चुनाव इस बार कुछ खास ही रहा। सभी ने दावे किए। एक्जिट पोल में बीजेपी को हावी दिखाया गया। राहुल ने भी पूरा जोर लगाया और कांग्रेस का ‘नवसृजन’ हुआ है ऐसा कहना कुछ गलत नहीं होगा।
गुजरात में कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति को अपनाया और मंदिर-मंदिर जाकर एक बड़े वोट बैंक को अपने पाले में लाने में कामयाबी हासिल की। गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने 85 दिन में 27 मंदिरों में माथा टेका।
राहुल गांधी मंदिर-मंदिर जा रहे थे और बीजेपी की धड़कन बढ़ रही थी। परेशान होना लाजमी भी था। जिस पर बीजेपी अपना कॉपीराइट समझती थी, वहां के वोट राहुल के खाते में खिसकने का डर था।
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हिंदुत्व और मंदिर मुद्दे पर राहुल गांधी को घेरने का कोई फायदा नहीं हुआ। राहुल पर उनके हिंदू होने पर भी सवाल उठाए गए। दोनों चरणों के चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी के लगातार मंदिर दर्शन ने बीजेपी के खेमे में हलचल पैदा कर दी।
कई जगह गुजरात में कांग्रेस द्वारा अहमद पटेल को सीएम बनाए जाने के पोस्टर भी लगवाए गए ताकि कांग्रेस की सॉफ्ट हिंदुत्व छवि को तोड़ा जा सके। लेकिन नतीजों ने बीजेपी की कोशिश बेकार कर दी।
बीजेपी का डर सही साबित हुआ। गुजरात विधानसभा चुनावों के नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि राहुल गांधी के मंदिर जाने का कांग्रेस को कितना फायदा मिला है। गुजरात में मंदिर प्रभावित 87 सीटों में से 47 पर कांग्रेस पार्टी ने जी दर्ज की है।
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अंबाजी मंदिर
बनासकांठा जिले के में स्थापित यह मंदिर आदिवासी समुदाय की देवी का है और यहां प्रचार के लिए राहुल गांधी के अलावा पीएम मोदी भी दर्शन के लिए गए थे। इस मंदिर का गुजरात की 30 विधानसभा सीटों पर असर है जिनमें से 19 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है जबकि बीजेपी के हिस्से में मात्र 11 सीटें आई है।
द्वारका
गुजरात के द्वारका जिले में भगवान कृष्ण का यह मंदिर हिंदू धर्म के चार धामों में से एक धाम माना जाता है। यह मंदिर गुजरात के 3 जिलों की 9 सीटों पर अपना प्रभाव रखता है। यहां भी राहुल गांधी ने बीजेपी के हाथ से 5 सीटें छीन ली बीजेपी के हाथ यहां तीन सीटें ही लगी और एक सीट एनसीपी को मिली।
सोमनाथ
सौराष्ट्र के गिर सोमनाथ जिले का यह मंदिर भगवान शंकर को समर्पित है। इस मंदिर में राहुल गांधी दर्शन के लिए गए तो यहां उनके गैर हिंदू रजिस्टर पर नाम लिखने से विवाद हो गया था। इस जिले के सभी चारों सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। आपको बता दें कि साल 2012 में यहां से बीजेपी ने 3 और कांग्रेस को एक सीट मिली थी।
अक्षरधाम मंदिर
गुजरात की राजधानी गांधीनगर स्थित स्वामी नारायण संप्रदाय के मंदिर अक्षरधाम में दर्शन के लिए पीएम मोदी और अमित शाह के अलावा राहुल गांधी भी गए थे। इस मंदिर का आस-पास की 33 सीटों पर प्रभाव है। यहां भी राहुल गांधी को फायदा मिला और उन्होंने 17 सीटों को अपने पक्ष में कर लिया जबकि बीजेपी को 16 सीटें मिली।
वीर मेघमाया
गुजरात के पाटन जिले में स्थित वीर मेघमाया मंदिर में राहुल गांधी दर्शन के लिए दूसरे चरण के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पहुंचे थे। इस मंदिर का मेहसाणा और पाटन जिले की 11 विधानसभा सीटों पर असर पड़ता है। यहां भी कांग्रेस को फायदा मिला और पार्टी ने 6 सीटें अपने पक्ष में कर ली जबकि 5 सीटें बीजेपी के पक्ष में गई।