जम्मू एवं कश्मीर में 2018 से लागू होंगी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें

कश्मीर जम्मू । जम्मू एवं कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब दराबु ने अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश करते हुए बुधवार को कहा कि राज्य सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का क्रियान्वयन अप्रैल 2018 से करेगा। इससे राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों व पेंशनधारकों के वेतन व पेंशन में 23.5 फीसदी की बढ़त होगी। दराबु ने विधानसभा में अपने बजट भाषण में कहा कि वेतन व पेंशन में बढ़त उसी दिन से लागू होगी, जिस दिन से आयोग की सिफारिशों को केंद्र सरकार द्वारा क्रियान्वित किया गया था।

दराबु ने कहा कि पहले का बजट माइक्रो फाइनेंस तथा औद्योगिक रूप से पिछड़े राज्य में विनियोजन पर आधारित था, जबकि मौजूदा बजट का उद्देश्य परियोजना संचालन पर है।

केंद्र सरकार ने बीते साल जून महीने में अपने कर्मचारियों के लिए आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन का ऐलान किया था।

उन्होंने सरकार की भुगतान प्रणाली में सुधार की पेशकश की और घोषणा की कि कोषागारों की जगह पे एंड अकाउंट ऑफिस (पीएओ) लेंगे। इसका उद्देश्य भुगतान, बजटीय मंजूरी, उचित वर्गीकरण तथा अतिरिक्त भुगतान के मुद्दों पर निगरानी रखना तथा नियंत्रण करना होगा।

उन्होंने कहा, “वे उन लेखा प्रमुखों से संपर्क में रहेंगे, जो उनसे संबंधित विभागों के कार्यो से संबंधित हैं।”

दराबु ने कहा, “पावती ग्रहण करने तथा कोषागारों द्वारा विभिन्न विभागों के भुगतानों का निपटारा करने के बदले पीएओ केवल एक विभाग से संबंधित होगा।”

उन्होंने कहा कि नई प्रणाली, आडिट के लिए कोषागारों तक बिल तथा चालानों को ले जाने तथा विभागीय स्तर पर चालानों को जांच के लिए ले जाने की प्रक्रिया से छुटकारा दिलाएगी।

उन्होंने कहा, “इन सबके बदले एक कंप्यूटरीकृत एकीकरण वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) उन सभी कार्यो को ऑनलाइन करेगी। नई प्रणाली एक अक्टूबर, 2017 से अस्तित्व में आ जाएगी और अगले साल 31 मार्च तक अपने कामकाज को निश्चित रूप देगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने सार्वजनिक परिवहन संचालकों को छह महीने तक टोकन कर में छूट देने का फैसला किया है, जिसकी शुरुआत इस साल जुलाई से शुरू होगी।

यह कदम कश्मीर में संकट के दौरान बंद तथा कर्फ्यू से परिवहन संचालकों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए उठाया गया है।

उन्होंने यह भी घोषणा की है कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत अस्थायी मजदूरों की सेवा को अगले साल से स्थायी किया जाएगा। वहीं ठेके पर काम कर रहे उन मजदूरों की सेवाओं को नियमित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे, जिन्होंने विकास कार्यो के लिए अपनी जमीनें मुफ्त में दी हैं।

बजट प्रस्ताव में उन व्यक्तियों के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया गया है, जो राज्य में सरकारी नौकरी चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों को 10 फरवरी से उनके फंड आवंटन का 50 फीसदी हिस्सा मिलेगा और यह कदम इस बात को सुनिश्चित करेगा कि विभिन्न परियोजनाएं जल्द से जल्द शुरू हों।

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