पुलिस कर्मियों को 17 साल बाद मिला खास तोहफा

 पुलिस कर्मियोंदेहरादून उत्तराखंड के पुलिस कर्मियों के लिए एक अच्छी खबर है। 17 साल से कर रहे आवास भत्ता की मांग को अब सरकार ने स्वीकार कर लिया है। पुलिस कर्मियों को यह लाभ एचआरए वेतन के साथ जुड़कर मिलेगा।

अब तक पुलिस थानों, पुलिस लाइन और पुलिस शिविरों में रहने वाले पुलिस कर्मियों को एचआरए नहीं मिलता था। जबकि किराये के घर में रहने वाले पुलिस कर्मियों को नाइट आउट पास व किरायानामा भरने के बाद ही एचआरए मिलता था।

राज्य गठन के बाद से पुलिस कर्मी एचआरए की मांग कर रहे थे। अब जाकर शासन ने इसके लिए पुलिस मुख्यालय को आदेश जारी किया है।

इस बावत पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल कुमार रतूड़ी ने सभी पुलिस अधीक्षकों व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को कार्रवाई का आदेश दिया है।

डीजीपी ने बताया कि करीब 25 हजार पुलिस कर्मियों को एचआरए का लाभ मिलेगा। इससे काफी हद तक उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इसमें हाल में भर्ती हुए एक हजार पुलिस कर्मी भी शामिल हैं।

आइजी कार्मिक जीएस मार्तोलिया ने बताया कि पुलिस कर्मियों को एचआरए देने में सालाना करीब 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मगर इसमें से पांच सौ रुपये बैरक मेंटीनेंस के रूप में वापस आने से 13 करोड़ का ही अतिरिक्त भार पड़ेगा।

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ये भी है परेशानी

पुलिस बैरक में रहने वाले पुलिस कर्मियों को मिलने वाले 1000 से 3500 रुपये तक के एचआरए में 500 रुपये की कटौती की जाएगी। कटौती की रकम बैरक मेंटीनेंस में खर्च होगी।

दून और नैनीताल को ज्यादा फायदा

एचआरए में ग्रेड पे के अलावा महंगाई को भी मानक बनाया गया है। ऐसे में देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पौड़ी को कुल ग्रेड पे का 75 प्रतिशत भत्ता दिया जाएगा। जबकि अन्य जिलों में मात्र 50 प्रतिशत ही एचआरए मिलेगा।

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