17 साल में बनी ग्राम प्रधान, कोर्ट ने बाल सुधार गृह भेजा

एजेन्सी/  election-amarujala_landscape_1458504726उम्र छिपाकर महज 17 साल की उम्र में ही ग्राम प्रधान का चुनाव जीतने वाली ग्राम प्रधान को कोर्ट ने बाल सुधार गृह भेज दिया है। अदालत ने मंगलवार को उसे बाल सुधार गृह लखनऊ भेजने का आदेश दिया।मामला रायबरेली के जगतपुर थाना क्षेत्र के एक गांव का है। चुनाव जीतने के बाद पोल खुलने पर कोर्ट के आदेश पर 12 मार्च को केस दर्ज हुआ था। ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए।

चुनाव जीतने के बाद कुछ लोगों को लड़की की उम्र कम होने की जानकारी हुई तो विरोधी खेमे के क्रांतिवीर यादव ने डीएम व एसडीएम से शिकायत की। सुनवाई न होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

फर्जी वोटर कार्ड बनाकर लड़ी थी चुनाव 

एसओ जगतपुर बीएन शुक्ला ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर ग्राम प्रधान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। मंगलवार को उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था।नाबालिग ने फर्जी तरीके से वोटर कार्ड में अपनी आयु 21 साल दर्ज करवाकर चुनाव लड़ा और 27 वोटों से जीतने में सफल रही। इंटर तक पढ़ी नाबालिग की उम्र शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में 17 साल दर्ज है।

 
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