बाइक के एक छोटे बदलाव ने बदल दिया एवरेज का खेल, इस युवक के कमाल से 153 हुआ माइलेज

153नई दिल्‍ली। उत्तरप्रदेश के एक युवक ने ऐसी जुगाड़ की है जिसके बूते बाइक एक लीटर पेट्रोल में 153 किलोमीटर का एवरेज देने लगी। मतलब यह है कि अब तक आपकी जो बाइक 50 से 70 का एवरेज देती थी वो अब डबल होकर 153 हो गया है।

अब आपको विश्वास नहीं हो रहा होगा कि इतना एवरेज भी हो सकता है भला। नहीं ना। मगर यह सच है। ऐसी ही एक जुगाड़ को एक तकनीक के तौर बदला गया है। और तो और इसे उत्तर प्रदेश काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के साथ ही एक राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट ने प्रमाणित भी किया है।

जुगाड़ का कमाल

यह जुगाड़ इतना सस्ता है कि महज चंद रुपए में एक छोटा सा बदलाव करके 153 किलोमीटर प्रतिलीटर का एवरेज पाया जा सकता है। मगर कैसे। इस बात का पता आपको यह स्टोरी पढ़ने के बाद लग जाएगा। तो फिर देर किस बात की है। आइए जानते हैं पूरा मामला।

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कौन हैं ये शख्स

ये हैं उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के गुदड़ी गांव के रहने वाले विवेक कुमार पटेल। बाइक इंजन को लेकर सालों से मेहनत कर रहे थे। अब जाकर मेहनत सफल हुई।

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क्या है तकनीक

इस तकनीक में बस कार्बोरेटर को बदलना होता है। विवेक, बाइक में लगा कार्बोरेटर निकालकर अपना कार्बोरेटर लगा देता है। इसके बाद बाइक का एवरेज बढ़ जाता है। बताया जा रहा है कि इसमें पांच सौ रुपए का खर्च आता है। मीडिया रिपोर्टस में बताया जा रहा है कि इस तकनीक में कॉर्बोरेटर को सेट कर दिया जाता है।

पेटेंट के लिए आवेदन

यूपीसीएसटी ने इस आइडिया को पेटेंट रजिस्ट्रेशन के लिए भी अप्लाय कराया है। पेटेंट होने के बाद इसका कमर्शियल उपयोग किया जा सकता है। तभी यह तकनीक सबके लिए उपलब्ध हो सकेगी।

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आगे क्या हो सकता है

इस तकनीक के एक बार पेटेंट हो जाने के बाद बाइक्स मैन्युफेक्चरिंग कम्पनियां इसे खरीद भी सकती है। इसका उपयोग कर ज्यादा माइलेज वाली बाइक बेचकर अपनी सेल्स और मुनाफा बढ़ा सकती है। वहीं दूसरी ओर अगर भविष्य में इस तकनीक की बाइक्स आती हैं तो पेट्रोल की खपत में कमी आएगी। 2015 के एक आंकड़े के अनुसार देश में 15 करोड़ से ज्यादा बाइक्स हैं। अब दो बाइक्स के बराबर एवरेज एक बाइक देगी तो पेट्रोल कम्पनियों का हाल आप समझ सकते हैं।

स्टार्टअप प्रोजेक्ट बना

कटरा स्थित श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के टेक्नॉलजी बिजनस इंक्यूबेशन सेंटर ने विवेक की इस तकनीक को स्टार्टअप के तौर पर रजिस्टर किया है। इसके लिए सेंटर की ओर से स्टार्टअप प्रॉजेक्ट के लिए 75 लाख रुपये की मदद भी स्वीकृत की गई है।

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नहीं पड़ता पिकअप में अंतर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपीसीएसटी के जॉइंट डायरेक्टर इनोवेशन ने बताया कि इस तकनीक से पेट्रोल की खपत कम हो जाती है। साथ ही स्पीड और पिकअप में भी कोई परिवर्तन नहीं आया।

क्या कहते हैं विवेक

विवेक ने मीडिया को बताया कि मैं इस तरकीब को बाइक, जनरेटर समेत अन्य वाहनों का एवरेज बढ़ाने में प्रयोग करने लगा। इसके अनुसार काम करने में मुझे करीब 2 साल लग गए। तो कैसी लगी आपको यह स्टोरी। अपने दोस्तों को भी बताइएगा।

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