हिमाचल सरकार वनों का वैज्ञानिक प्रबंधन सुनिश्चित करेगी : मुख्यमंत्री

शिमला| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार वन आवरण और राज्य कोष में वृद्धि करने के उद्देश्य से वनों का वैज्ञानिक प्रबन्धन सुनिश्चित करेगी। यहां राज्य वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ और जैव विविधता सम्पन्न वनों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि मृत और सूखे पेड़ों की सफाई, पतलापन और निस्तारण जैसे निर्धारित कार्यों को पुनर्जीवित करने की अनुमति प्रदान की जाए।

उन्होंने कहा कि इन सभी गतिविधियों को ग्रामीण वन विकास समितियों के माध्यम से किया जाएगा, जो स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायक साबित होंगी।

बैठक में प्रायोगिक वनवर्धनिक के लिए सर्वोच्च न्यायालय निगरानी समिति के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त प्रधान अरण्यपाल वी.पी. मोहन ने इस अवसर पर प्रस्तुति दी।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार की इस पहल से राज्य हरित वन सम्पदा के समुचित रखरखाव सुनिश्चित करने के अलावा राज्य को करोड़ों के राजस्व की प्राप्ति होगी।

समिति ने सिफारिश की है कि सभी लम्बित योजनाओं को समयबद्ध तरीके से संशोधित किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी सिफारिश की गई कि सभी वन क्षेत्रों के लिए जमीन पर सीमा स्तम्भ लगाए जाएं और इनकी स्थिति को राजस्व रिकॉर्ड में शामिल किया जाए, जो वन भूमि पर अतिक्रमण को रोकने में कारगर साबित होगा।

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बैठक में बताया गया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान नूरपुर, पांवटा और बिलासपुर वन मण्डलों में 432 हेक्टेयर वन क्षेत्र में लगभग 1.50 करोड़ रुपये प्रायोगिक राजस्व आय राज्य को प्राप्त होगी।

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