दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर अपनी ही बात से यू पलटी हाईकोर्ट, अगली सुनवाई 6 फरवरी को

दिल्ली। हाईकोर्ट ने दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर लगी रोक मंगलवार को हटाने से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि जब दवाओं की ऑनलाइन बिक्री संबंधी नियम कानून लागू नहीं होते, तब तक इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।

हाईकोर्ट

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की खंडपीठ के समक्ष केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री संबंधी नियम कानून तैयार होने में अभी समय लगेगा। इसी तर्क के मद्देनजर ऑनलाइन दवा बिक्री पर रोक को अगली तारीख तक बढ़ा दिया गया।

कोर्ट के समक्ष एक कंपनी ने उसे भी पक्षकार बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि मद्रास हाईकोर्ट ने दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर लगी रोक हटा ली है। हाईकोर्ट ने डॉ. जहीर अहमद की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर फौरन रोक लगाने का निर्देश 13 दिसंबर, 2018 को दिया था।

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याची का कहना था कि देश में रोज दवाओं की ऑनलाइन बिक्री हो रही है। इस पर नियंत्रण का कोई कानून नहीं है। इससे मरीजों की सेहत व जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है, इसलिए मरीजों की सेहत को ध्यान में रखते हुए फौरन रोक लगाई जानी चाहिए।

इस तरह की एक अन्य याचिका भी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। यह याचिका साउथ केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन (एससीडीए) ने दायर की है। इस याचिका पर जस्टिस विभू बाखरू ने 5 अक्तूबर, 2018 को एससीडीए की याचिका पर केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार व संबंधित एजेंसियों को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई के लिए 25 फरवरी की तारीख तय कर रखी है।

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