सुप्रीम कोर्ट पत्रकार प्रशांत की याचिका पर कल करेंगे सुनवाई , सीएम योगी पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी…

उच्चतम न्यायालय स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनोजिया को गिरफ्तार करने की याचिका के खिलाफ मंगलवार को सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट

 

 

बता दें की प्रशांत को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और एक बदनाम करने वाला वीडियो शेयर करने के कारण उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

 

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न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाश पीठ ने सोमवार को एक वकील के इस प्रतिवेदन का संज्ञान लिया कि गिरफ्तार किए पत्रकार की पत्नी की याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है क्योंकि यह गिरफ्तारी ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ है। पत्रकार की पत्नी जिगीशा अरोरा ने कनौजिया की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।

कनोजिया को लखनऊ पुलिस ने शनिवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ हजरतगंज थाने में तैनात उपनिरीक्षक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। लखनऊ पुलिस के दो पुलिकर्मियों ने प्रशांत को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे गिरफ्तार किया गया।

दरअसल प्रभारी निरीक्षक हजरतगंज राधारमण सिंह के मुताबिक प्रशांत ने मुख्यमंत्री को लेकर ट्विटर पर यह आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े अधिकारी तत्काल हरकत में आए। देर रात को एसएसपी कलानिधि नैथानी को टिप्पणी करने वाले युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश जारी हुआ था।

हजरतगंज थाने में तैनात उपनिरीक्षक विकास कुमार ने प्रशांत के खिलाफ तहरीर दी, जिसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ। क्षेत्राधिकारी हजरतगंज के मुताबिक आरोपी की तलाश में साइबर सेल और थाने की पुलिस लगाई गई थी।

गिरफ्तारी के समय प्रशांत की पत्नी जगीशा अरोरा उनके साथ थी। उनके अनुसार घर पहुंचे दो लोग सादी वर्दी में थे। उन्होंने खुद को लखनऊ हजरतगंज पुलिस के अधिकारी बताया और गिरफ्तार करते हुए सड़क मार्ग से लखनऊ ले गए। पत्नी का आरोप है कि उन्हें गिरफ्तारी वारंट तक नहीं दिखाया गया।

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