सीबीआई छापे से नाराज अखिलेश यादव ने भाजपा के साथ अपने पुराने दोस्त को भी सुनाई खरी-खरी

लखनऊ। 2019 लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के गठबंधन पर अटकलें लगाईं जा रही हैं। जिसे लेकर सवाल पूछे जाने पर सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने चुप्पी तोड़ते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया है।

उन्होंने गठबंधन के सवाल पर तो कुछ नहीं बोला लेकिन बीजेपी पर संभावित गठबंधन को रोकने का आरोप लगाया है।

अखिलेश यादव ने कहा कि गठबंधन के सवाल पर अभी कुछ नहीं बोलूंगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गठबंधन को रोकने के लिए मेरे खिलाफ सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी विरोधी किसी भी प्रकार का गठबंधन न हो पाए, इसलिए केंद्र की मोदी सरकार मुझ पर सीबीआई द्वारा छापेमारी करवा रही है। बीजेपी पर हमला बोलते-बोलते अखिलेश ने कांग्रेस को भी नहीं छोड़ा।

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पहले यूपीए के कार्यकाल में कांग्रेस ने सीबीआई से मुलाकात कराई और अब केंद्र की एनडीए सरकार ने सीबीआई से मुलाकात करवा रही है। बता दें कि बीतें शुक्रवार को मीडिया में ऐसी खबरें आईं थीं कि यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर सपा-बसपा के बीच विभाजन हो गया है।

खबरें आईं कि दोनों पार्टियों ने 71 सीटों को आपस में बांट लिया है। सपा प्रदेश की 35 लोकसभा सीटों पर और बसपा 36 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। इसके अलावा, राष्ट्रीय लोकदल को 3 सीटें देने और 4 सीटों को रिजर्व रखने की बात तय हुई। 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन करने वाली कांग्रेस को इस खबर से खासा झटका लगा क्योंकि कांग्रेस सीट शेयरिंग के इस फार्मूले में नदारद थी।

मीडिया में सपा-बसपा गठबंधन की खबरों में कांग्रेस को जगह न मिलने की बात तेजी से फैली, जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन की जानकारी दोनों पार्टियों में से किसी की तरफ से भी औपचारिक तौर पर समाने नहीं आई है। इसके साथ ही उन्होंने ऐसे किसी गठबंधन की बात से इनकार कर दिया।

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अब सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इन गठबंधन की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि गठबंधन को लेकर अभी कोई बात नहीं कहूंगा। सूत्रों की मानें तो अखिलेश कांग्रेस की मंशा को भांप रहे हैं और गठबंधन में अपनी शर्तों के साथ शामिल होने के लिए उचित समय का इंतजार कर रहे हैं।

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