दिल्ली में गंगटोक जैसे पैदल मार्गो की जरूरत

सिक्किमनई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी में  एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने के बाद सड़क पर घंटों तड़पते हुए घायल ने आखिरकार दम तोड़ दिया। इस दर्दनाक घटना के बाद सिक्किम के सांसद पी.डी.राय ने अपने ट्वीट में शहर की बेरहमी और कुशासन पर शोक जताते हुए कहा है कि दिल्ली की सड़कों पर पैदल यात्रियों के लिए गंगटोक जैसे सुरक्षित पैदल मार्गो की जरूरत है। सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के सांसद राय ने शुक्रवार को ट्वीट किया, “बेरहमी और कुशासन–दिल्ली में पैदल चलने वालों के लिए एमजी मार्ग जैसे पेडेस्ट्रियन की जरूरत है! 90 मिनट तक दिल्ली कलंकित होती रही।”

सिक्किम में एक मशहूर सैरगाह स्थल है

एमजी मार्ग सिक्किम की राजधानी में पैदल यात्रियों के लिए एक मशहूर सैरगाह स्थल है। यह वाहन मुक्त क्षेत्र है, जिसके कारण पैदल यात्री बिना किसी भय के सैर करते हैं। गंगटोक में पैदल यात्रियों के लिए साइडवॉक व वॉकवेज हैं और यातायात के नियमों का पालन बेहद कठोरतापूर्वक किया जाता है। संकरी सड़कों पर ओवरटेकिंग या तेज गति से चलने वाले वाहनों से कठोरतापूर्वक जुर्माना वसूला जाता है।

राय ने यह टिप्पणी बुधवार सुबह पश्चिमी दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में मतबूल की दिल दहला देने वाली मौत के संदर्भ में की है। ऑटो रिक्शा तथा पार्ट टाइम सुरक्षा गार्ड का काम कर अपने परिवार का पेट पालने वाले मतबूल को एक मालवाहक ऑटोरिक्शा ने सड़क पर पीछे से टक्कर मार दी।

दिल्ली के लाखों लोगों की तरह उसे भी सड़क पर चलने को मजबूर होना पड़ा था, क्योंकि अन्य जगहों की तरह वहां भी पार्क गाड़ियों व वेंडरों ने पैदल मार्गो का अतिक्रमण कर रखा था। और कहीं-कहीं तो पैदल मार्ग हैं ही नहीं।

पुलिस ने कहा कि पश्चिम बंगाल का निवासी मतबूल सड़क पर घायल अवस्था में घंटों पड़ा रहा। सैकड़ों गाड़ियां और लोग वहां से गुजरे, लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली। बाद में पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के कारण अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। वह पश्चिमी दिल्ली के तिहाड़ गांव में रहता था।

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