अगर भारत ने उठाया यह कदम तो प्‍यासा मर जाएगा पाकिस्‍तान !

सिंधु जल समझौतादिल्ली । पाकिस्‍तान के बहुत जल्‍दी बुरे दिन शुरू होने वाले हैं। भारत अपने पड़ोसी देश के साथ दशकों से चल रहे सिंधु जल समझौता को रद कर सकता है। उरी हमले के बाद भारत और पाकिस्‍तान में तनाव बहुत ज्‍यादा बढ़ गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को इस पूरे मुद्दे पर जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया है। अधिकारी वर्ष 1960 में किये गये इस समझौते के तमाम पहलुओं के बारे में मोदी को बताएंगे।

सिंधु जल समझौता होगा रद

शुक्रवार को जल संसाधन मंत्री उमा भारत ने अपने अधिकारियों के साथ सिंधु जल समझौते को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की थी। सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक सिंधु नदी जल बंटवारे समझौते को रद्द करना एक बहुत ही अहम फैसला होगा। इस बारे में हम कोई भी कदम जल्दबाजी में नहीं उठा सकते। वैसे भी इस फैसले के कई पहलुओं पर गंभीरता से विचार करना होगा। यह एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। इन सब मुद्दों के बारे में पीएम को सीधे तौर पर बैठक में जानकारी दी जाएगी।

बता दें कि सिंधु जल समझौते के निरस्त करने की बात गुरुवार को तब आई थी जब विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कोई भी समझौता आपसी भरोसे व विश्वास से चलता है। जब विश्वास ही नहीं रहेगा तो समझौते का क्या मतलब है। विदेश मंत्रालय के इस बयान को पहली बार भारत की तरफ से पाकिस्तान को इस समझौते को रद्द करने की धमकी के तौर पर देखा गया था। उसके बाद उमा भारती ने इस पर बैठक बुला कर यह जता दिया था कि भारत का रुख इस बार कुछ और है। और अब पीएम के स्तर पर बुलाई गई बैठक पूरे हालात की गंभीरता को दर्शाती है।

आपको यह भी बता दें कि इस समझौते के लागू होने के बाद भारत व पाकिस्तान के बीच दो बार बड़े युद्ध हो चुके हैं लेकिन अभी तक भारत ने इस रद्द करने की बात नहीं कही है। वैसे कई बार इस तरह की मांग उठती रहती है। हाल ही में भाजपा के बुजुर्ग नेता व पूर्व वित्त व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक आलेख लिख कर यह मांग की थी कि भारत को तत्काल प्रभाव से सिंधु जल समझौते को रद्द करने का कदम उठाने चाहिए। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में इस समझौते का काफी महत्व है क्योंकि उसे इसके जरिए ही झेलम, चेनाब व सिंधु नदी का 80 फीसद पानी मिलता है।

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