सस्ता स्मार्टफोन साबित होगा ‘गेमचेंजर’, कैशलेश इकोनॉमी की मुहिम को मिलेगा सहारा
नई दिल्ली। कैशलेस इकोनॉमी की ओऱ कदम बढ़ाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने अहम फैसला किया है। इसके तहत सरकार ने स्थानीय मोबाइल फोन निर्माताओं को 2000 रुपये से कम दाम वाले स्मार्टफोन लाने की दिशा में काम करने को कहा है। कंपनियों से कहा गया है कि वे ऐसे स्मार्टफोन तैयार करें, जो फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन करने में सक्षम हों। मौजूदा माहौल में सरकार का ये फैसला गेमचेंजर साबित हो सकता है।
इस फैसले को क्रियान्वित करने के लिए हाल में नीति आयोग की ओर से एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सरकार ने घरेलू मोबाइल कंपनियों जैसे- माइक्रोमैक्स, इंटेक्स, लावा और कार्बन कंपनियों से सस्ते समार्टफोन बनाने को कहा है, जिससे डिजिटल ट्रांजेक्शन को ज्यादा आसान बनाया जा सके। सरकार का मानना है कि कैशलस अर्थव्यवस्था की उसकी योजना तब तक सफल नहीं हो सकती, जब तक ग्रामीण इलाकों तक सस्ते हैंडसेट उपलब्ध न करा दिए जाएं। हालांकि ऐप्पल और सैमसंग जैसे कई बड़ी कंपनियों की ओर से इस बैठक में कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं रहा।
सरकार का कहना है कि मार्केट में ऐसे समार्टफोन की कमी है जो कि लो बजट हैं और जिन्हें खरीदने और समझने में ग्रामीण भारत के लोग सक्षम नहीं हैं। बता दें कि वर्तमान में भारतीय बाजार में 3जी स्मार्टफोन करीब ढाई हजार रुपए की शुरुआती कीमत पर मिलते हैं, वहीं 4जी स्मार्टफोन की कीमत और भी ज्यादा है।
कांटों भरी है राह
मार्केट के जानकारों का कहना है कि सरकार हैंडसेट कंपनियों को सस्ते हैंडसेट पेश करने के लिए जोर तो डाल रही है, लेकिन इसके लिए सब्सिडी नहीं देना चाहती। फिंगर प्रिंट स्कैनर, हाई-क्वॉलिटी प्रोसेसर्स जैसे फीचर्स के साथ फोन की कीमत कम रखना एक बड़ी चुनौती है।