सवालों के घेरे में प्रयागराज पुलिस, फर्जी मुठभेड़ की शुरू हुई जांच

REPORT-SYED RAZA/PRAYAGRAJ

प्रदेश में बढ़ रहे अपराध पर लगाम लगाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बाद यूपी पुलिस प्रदेश के लगभग हर जिले में ताबड़तोड़ इन्काउन्टर में जुट गई है। लेकिन प्रयागराज पुलिस सीएम योगी और यूपी पुलिस के मुखिया डीजीपी की वाहवाही लूटने के लिए ऐसे इन्काउन्टर को अंजाम दे रही है, जिस पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं।

बुधवार तड़के मऊ आइमा थाना क्षेत्र में प्रयागराज पुलिस द्वारा किया गया इन्काउन्टर भी सवालों के घेरे में आ गया है। पुलिस की गोली लगने से घायल आरोपी जहां चीख-चीखकर पुलिस की कारस्तानी को बयां कर रहा है। वहीं पुलिस की ओर से घटना स्थल की जारी की गई तस्वीरें भी पुलिस के इन्काउन्टर पर खुद-ब-खुद गम्भीर सवाल खड़े कर रही हैं।

मुठभेड़ की जांच

तश्वीर में आरोपी को पुलिस ने जल्दबाजी में बिना ट्रिगर का असलहा पकड़ा दिया और उसे जल्दबाजी में वायरल कर दिया।  घायल आरोपी इश्तियाक के परिजनों ने पूरे मामले की शिकायत जनसुनवाई पोर्टल के जरिए करके सीएम योगी से की है और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वही डीआईजी ने भी इस मुठभेड़ को लेकर जांच करवाने की बात कही है।

प्रयागराज जिले में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। लूट, हत्या और बलात्कार की घटनाओं की जिले में बाढ़ आ गयी है। लेकिन अपराध रोकने में पूरी तरह से नाकाम प्रयागराज पुलिस अब अपराधियों के इन्काउन्टर में जुट गई है। प्रयागराज पुलिस ने बुधवार तड़के मऊ आइमा थाना क्षेत्र में इलाहाबाद बैंक मैनेजर अनिल कुमार दोहरे हत्या कांड में शामिल आरोपियों के साथ मुठभेड़ होने का दावा किया। इसके लिए पुलिस ने एक युवक इश्तियाक को पैर में गोली लगने पर उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया।

पुलिस ने वाहवाही लूटने के लिए एक फोटो भी सोशल मीडिया पर जारी कर दिया। जिसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि घायल युवक इश्तियाक के हाथ में जो तमंचा है उसमें ट्रिगर ही नहीं है। जबकि उसके पैर में गमछा बंधा हुआ है। अब सवाल ये उठता है कि पुलिस ने गमछा बांधने से पहले तमंचा आरोपी युवक के हाथ से क्यों नहीं हटाया। पुलिस को आखिर कैसे मालूम था कि तमंचे में गोली नहीं है और वह गोली नहीं चला सकता है। इसके साथ ही इस पर सवाल उठ रहा है कि बगैर ट्रिगर का तमंचा लेकर गैंगस्टर का आरोपी क्यों चल रहा था। वहीं पुलिस की गोली लगने से घायल इश्तियाक ने पुलिस पर ही गम्भीर आरोप लगाये हैं।

उसके मुताबिक उसे रात बारह बजे घर से पुलिस ने उठाया और एक दो जगह दबिश देने के बाद उसे पुलिस उसे लेकर बांका जलालपुर गई। इश्तियाक के मुताबिक पुलिस ने उसके मुंह में कपड़ा भरा, आंख में पट्टी बांधी, पैर पर भिगोकर दो गमछे बांधे और पैर में सटाकर गोली मार दी। वहीं आरोपी युवक के परिजनों का कहना है कि 2012 में लूट के मामले में वह जेल गया था। लेकिन अब वह आटो चलाकर जिन्दगी गुजर बसर कर रहा था। परिजनों ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जनसुनवाई पोर्टल पर की है। परिजनों ने इस मामले की जांच के बाद कार्रवाई की भी मांग की है।

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बहरहाल, मऊ आइमा के बांका जलालपुर में पुलिस इन्काउन्टर की कहानी में कई झोल नजर आ रहे हैं। जहां पुलिस की पूरी कार्रवाई सवालों के घेरे में है। वहीं मुठभेड़ के बाद वायरल फोटो भी पुलिस की कहानी से मेल नहीं खा रही है। जबकि इस मामले में पुलिस की बढ़ती फजीहत को देखते हुए और मुठभेड़ में घायल युवक इश्तियाक के मीडिया में बयान देने की खबरों के बाद पुलिस ने उसे नैनी जेल में शिफ्ट कर दिया है।

मऊआइमा थाना क्षेत्र के बांका जलालपुर में बुधवार तड़के हुए पुलिस इन्काउन्टर पर उठ रहे सवालों पर प्रयागराज पुलिस बैकफुट पर आ गयी है। डीआईजी प्रयागराज रेंज के.पी.सिंह ने भी इन्काउन्टर में प्रक्रियागत खामी की बात स्वीकार की है। उन्होंने घायल आरोपी के परिजनों की ओर से सीएम की जनसुनवाई पोर्टल पर की गई शिकायत पर जांच कराने की बात कही है।

डीआईजी ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही है। हांलाकि उन्होंने कहा है कि इन्काउन्टर में घायल आरोपी इश्तियाक इलाहाबाद बैंक के मैनेजर अनिल कुमार दोहरे की हत्या में शामिल था। उनके मुताबिक हत्यारोपियों के साथ मिलकर उसने रेकी की थी। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कहा है कि जांच में यदि इन्काउन्टर को लेकर लगाये जा रहे आरोपों में सत्यता पायी जायेगी तो दोषियों को बक्शा नहीं जायेगा।

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