2017 तक 10 फीसदी बढ़ सकता है सरकारी बैंकों का बैड लोन

सरकारी बैंकोंनई दिल्ली| केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सरकारी बैंकों  की गैर निष्पादित संपत्ति (फंसे हुए कर्ज) में मार्च, 2017 तक 10.1 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। राज्यसभा में एक सलाव के लीखित जवाब में गंगवार ने कहा, “आरबीआई की जून में आई वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के मुताबिक मैक्रो स्ट्रेस टेस्ट से मिले परिणाम बताते हैं कि सार्वजनिक बैंकों का ग्रॉस एनपीए मार्च, 2017 तक 10.1 फीसदी तक बढ़ सकता है।”

उन्होंने कहा कि बैंकों का एनपीए बढ़ने की मुख्य वजहों में हाल के दिनों में घरेलू विकास की धीमी दर, वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार की धीमी दर और विश्व बाजार में लगातार बनी हुई अनिश्चितता की स्थिति है, जिनके कारण कपड़ा, इंजिनीयरिंग उत्पाद, चपड़ा और बहुमूल्य पत्थर जैसे उत्पादों के निर्यात में कमी आई है।

इसके अलावा कुछ बाहरी कारण भी हैं जैसे खनन परियोजनाओं पर लगा प्रतिबंध, ऊर्जा, लोहा और इस्पात उद्योगों में मंजूरी मिलने में होने वाली देरी, कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, ऊर्जा आपूर्ति में कमी और बैंकों द्वारा पूर्व में आक्रामक तरीके से दिए गए ऋण शामिल हैं।

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