पड़ोसी देशों के लिए भारत ने खोला दिल, अंतरिक्ष में होगा ‘सबका साथ सबका विकास’

सबका साथ सबका विकासनई दिल्ली। भारत दक्षिण एशियाई देशों के लिए लगभग 450 करोड़ रुपए की एक खास योजना से ‘समतापमंडलीय कूटनीति’ अपनाने जा रहा है। साथ ही इस सप्ताह के अंत तक भारत ‘दक्षिण एशिया उपग्रह’ के माध्यम से अपने पडोसी देशों को एक नया उपग्रह तोहफे के रूप में देने जा रहा है।

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 31वें एपिसोड में इस योजना का जिक्र किया था और उन्होंने इस योजना को दक्षिण एशिया देशों में ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा भी दिया था।

विदेश मंत्रालय प्रवक्ता गोपाल बागले ने बातचीत के दौरान बताया कि भारत अपने पड़ोसियों के लिए अपना दिल खोल रहा है। साथ ही इस योजना के तहत किसी भी पड़ोसी देश से किसी प्रकार का खर्च नहीं लिया जाएगा।

उन्होंने कहा इस संचार उपग्रह को पूरे अंतरिक्ष जगत में कोई टक्कर नहीं दे सकता है। साथ ही अभी जितने भी क्षेत्रीय संघ हैं, वे व्यवसायिक हैं, और उनका उद्देश्य सिर्फ लाभ कमाना है।

इस परियोजना से जुड़े इंजीनियर प्रशांत अग्रवाल ने बताया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असल में अपने नारे ‘सबका साथ सबका विकास’ को भारत के पड़ोसियों तक विस्तार दे दिया है, ताकि दक्षिण एशिया के गरीबों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।’

उन्होंने बताया यह उपग्रह भारत के भागीदार देशों के बीच हॉट लाइन उपलब्ध करवाने की क्षमता रखता है।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कुल 412 टन वजन और लगभग 50 मीटर लंबाई वाला यह रॉकेट अपने साथ ‘दक्षिण एशिया उपग्रह’ लेकर जएगा।

इसरो ने 2230 किग्रा के इस उपग्रह को लगभग 235 करोड़ रुपये की लागत के साथ तीन साल में बनाया है। जो अंतरिक्ष आधारित टेक्नॉलजी के बेहतर इस्तेमाल में मददगार साबित होगा।

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