सपा-बसपा गठबंधन मुसलमानों के खिलाफ साजिशः आमिर रशादी

रिपोर्टर- तबरेज़ कज़िलबाश

लखनऊ। 2019 लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही उत्तर प्रदेश की सियासत में सरगर्मी तेज़ होती नज़र आने लगी है। जिसके चलते हाल के ही दिनों में सपा और बसपा का गठबंधन देखने को मिला था।

लेकिन अब इस गठबंधन की मुख़ालफ़त होती दिखायी दे रही है। मुसलमानों से जुड़ी बड़ी तंज़ीम राष्ट्रीय उलमा कॉउंसिल खुल कर इस गठबंधन कि मुख़ालफ़त में उतर आयी है। लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रीय उलमा कॉउंसिल के अध्य्क्ष मौलाना आमिर रशादी ने इस गठबंधन को ठग गठबंधन बताया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया को ख़िताब करते हुए राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने सपा-बसपा गठबंधन पर बड़े सवालिया निशान उठाते हुए कहा के यह गठबंधन मुसलमानों के खिलाफ एक खुली साज़िश है।

क्योंकि बीजेपी से मुसलमानों को डरा कर समाजवादी पार्टी मुसलमान वोटर्स का आने वाले 2019 के चुनाव में फायदा उठाना चाहते हैं इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल पिछले कई सालों से मुसलमानों के मसले मसाइल को लेकर देश और प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहा है लिहाजा अगर कोई पार्टी मुसलमानों के सिर्फ वोट बैंक की खातिर उनको इस्तेमाल करना चाहेगी तो उलमा काउंसिल उसका खुलकर विरोध करेगी।

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इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मौलाना आमिर रशदी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 2019 के चुनाव में उलमा काउंसिल प्रदेश की 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और जो भी पार्टी मुसलमानों के अधिकारों की बात करेगी।

उसको सपोर्ट करेगी मौलाना आमिर रशादी ने इशारों इशारों में शिवपाल यादव की पार्टी भारतीय प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की तरफ समर्थन देने का इरादा भी ज़ाहिर किया।

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