सगे चाचा से मिले धोखे के बाद चिराग को शत्रुघ्न में नज़र आए चाचा, तेजस्वी में छोटा भाई
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में अंदरूनी कलह से जूझ रहे चिराग पासवान ने कहा है कि चाचा पशुपति कुमार पारस ने पापा (स्वर्गीय रामविलास पासवान) का भरोसा तोड़ा है। चिराग ने एक इंटरव्यू कहा, “वह (चाचा पशुपति) मेरे पापा के करीब थे इसलिए यह उनके साथ विश्वासघात है।” अपनों से धोखा खाने के बाद युवा चिराग ने नए रिश्तों की ओर बढ़ने का संकेत दिया है। बातचीत के दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की प्रशंसा की। उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा को चाचा और तेजस्वी को छोटा भाई बताया।
पापा रामविलास की ओर से स्थापित की गई पार्टी एलजेपी में छिड़ी अंदरूनी जंग को लेकर चिराग ने कहा कि चुनाव चिह्न की कोई लड़ाई नहीं है। हम पूरी तरह से मज़बूत हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 95% लोग हमारे साथ हैं। उन्होंने कहा, “किसी भी राजनैतिक दल का ढांचा उसका संगठन ही होता है। मुझे खुशी है कि 5 लोगों को छोड़ दें तो सभी साथ हैं। सब पापा की बनाई पार्टी के साथ है।” एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा, “मेरे लिए संभव नहीं था कि 25 सीटों पर चुनाव लड़ूं। ऐसा करने से मेरी पार्टी समाप्त हो जाती। दूसरा नीतीश जी ने बिहार फ़र्स्ट और बिहारी फ़र्स्ट को नकार दिया।” चिराग ने कहा कि आखिरी वक्त में पापा ने कहा था अकेले चुनाव लड़ना, नीतीशजी के साथ मत जाना। ये उनकी अंतिम इच्छा थी।
चिराग ने कहा, “मैं अब उस हैसियत में नहीं कि दूसरों पर उंगली उठाऊं। मेरे अपनों ने ही मेरा साथ छोड़ दिया मेरे चाचा, मेरे भाई ने मेरा साथ छोड़ दिया। उम्मीद है कि राम (पीएम) खामोश नहीं रहेंगे।” उन्होंने कहा कि मेरी उम्मीद अब मुझसे है और बिहार के लोगों से है। 8 अक्टूबर से पैदल यात्रा भी शुरू करूंगा। जनता का आशीर्वाद लूंगा।