संसद का मानसून सत्र आज से, जीएसटी पर रहेंगी सबकी निगाहें

संसद का मानसून सत्रनई दिल्‍ली। संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। 12 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में सरकार को जीएसटी समेत कई अहम बिल पास होने की उम्मीद है। वहीं विपक्ष अरुणाचल और कश्मीर से लेकर पीएम के विदेश दौरे तक सरकार को घेरने के लिए कमर कस चुकी है।

संसद का मानसून सत्र

सबकी निगाहें इस सत्र पर जीएसटी बिल को लेकर टिकी हैं। सरकार विपक्ष को मनाने में जुटी है और विपक्ष जीएसटी पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कल सभी दलों की बैठक में कहा कि संसद को देश हित में और जनता के हित में चलाना चाहिए।

इससे पहले रविवार के दिन सरकार ने सभी दलों के साथ बैठक की तो शाम को लोकसभा स्पीकर की बैठक में तमाम दलों के नेता पहुंचे। सरकार ने सभी दलों की जो बैठक बुलाई थी उसमें जीएसटी बिल को लेकर चर्चा तो नहीं हुई लेकिन सरकार को उम्मीद है कि इस सत्र में बिल पास हो जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले लंबे समय से लंबित वस्तु एवं सेवाकर विधेयक (जीएसटी) पर विपक्ष के समर्थन की अपील की। उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है कि किस सरकार को इसका श्रेय मिलेगा। कांग्रेस ने अभी इस पर कोई आश्वासन नहीं दिया है। उसका कहना है कि वह विधेयकों का समर्थन उसका गुण-दोष परख कर करेगी।

प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे राष्ट्रीय हित को सबसे ऊपर रखें। उन्होंने संसद सत्र का समय बढ़ाने पर भी सुझाव मांगा।

मोदी ने सरकार द्वारा आहूत सर्वदलीय बैठक में यहां कहा, “जीएसटी सहित महत्वपूर्ण विधेयक सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि सत्र के दौरान सार्थक चर्चा होगी और परिणाम आएंगे।”

जीएसटी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि इस विधेयक को पेश करने का श्रेय किस सरकार को मिलेगा, बल्कि विधेयक को पारित करने का है।

जीएसटी सहित अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का आग्रह करते हुए मोदी ने कहा, हम जनता और पार्टी दोनों का प्रतिनिधत्व करते हैं और राष्ट्र हित को किसी भी और चीज से ऊपर रखने की आवश्यकता है। कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी संसद में वैसे किसी भी विधेयक का समर्थन करेगी जो राष्ट्रहित में हो, लेकिन कोई भरोसा नहीं दिया है।

जीएसटी के मुद्दे पर लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, सर्वदलीय बैठक में जीएसटी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। जीएसटी के मामले में सरकार को कांग्रेस पार्टी की तीन मांगों पर अब भी जवाब देना है। इस बारे में रुक-रुक कर चर्चा हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है।

तीन मांगें हैं- एक फीसदी अतिरिक्त लेवी जिसे राज्यों को लागू करना, जीएसटी की अधिकतम सीमा 18 प्रतिशत रखना और विवाद निवारण तंत्र की व्यवस्था करना। उन्होंने कहा, “हमलोग इन मुद्दों पर सरकार की ओर से ठोस जवाब का अब भी इंतजार कर रहे हैं। यह देश की जनता को बिल्कुल स्पष्ट है कि सरकार अड़ी हुई है।”

सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस संसद में महंगाई, बेरोजगारी, राज्यों के मामलों में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप और कैराना जैसी घटनाओं का उठाएगी।

पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस बैठक से पहले कहा कि संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस किसी विधेयक को पारित होने में बाधक नहीं बनेगी और वह उस किसी भी विधेयक का समर्थन करेगी जो राष्ट्र, जनता और विकास के हित में होगा।

उन्होंने कहा, “हम लोग योग्यता के आधार पर विधेयक को पारित होने देंगे। हम लोग विधेयकों को पारित होने देने में बाधक नहीं बनते।” हालांकि उन्होंने लंबे समय से लटके जीएसटी विधेय पर पार्टी का रुख स्पष्ट नहीं किया। सरकार की प्राथमिकता में यह विधेयक शीर्ष पर है।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस जम्मू एवं कश्मीर के हालात का मुद्दा उठाएगी। उन्होंने विपक्षी दलों की राज्य सरकारों पर निशाना साधने को लेकर केंद्र की आलोचना की। कांग्रेस नेता आजाद ने कहा, “जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति बहुत गंभीर मुद्दा है। संसद में इस पर हर हाल में चर्चा होनी चाहिए और सरकार को इसके लिए जवाबदेह होना चाहिए।”

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि जीएसटी के मुद्दे का हल सिर्फ कांग्रेस और भाजपा के बीच नहीं निपट सकता।

उन्होंने कहा कि जहां तक जीएसटी विधेयक की बात है, यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिसे भाजपा और कांग्रेस आपस में सुलझा लें। मैं दो साल से सरकार से कह रहा हूं कि जीएसटी पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाएं और आम सहमति बनाने के लिए हमारी चिंताएं सुनें।

जीएसटी विधेयक पारित कराने को इच्छुक सरकार ने विपक्षी दलों के नेताओं से सिलसिलेवार ढंग से कई बैठकें की हैं। इनमें वित्तमंत्री अरुण जेटली की आजाद और राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा से गुरुवार को हुई बातचीत भी शामिल है।

अनंत कुमार के नए संसदीय कार्यमंत्री बनने के बाद यह संसद का पहला सत्र है। भाजपा के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार को अपने प्रबंधन कौशल और विपक्ष के कई नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते के लिए जाना जाता है। दूसरी सर्वदलीय बैठक रविवार की शाम लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुलाई थी।

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