शेयर बाजार साप्‍ताहिक समीक्षा : मामूली तेजी का दिखा असर

शेयर बाजारमुंबई। बीते सप्ताह शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक हल्की तेजी के साथ बंद हुए। इसका प्रमुख कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है, क्योंकि नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि खुदरा महंगाई दर में कमी आई है और भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल अच्छे मॉनसून का अनुमान लगाया है। अगर मॉनसून बेहतर होता है तो इससे महंगाई और कम होगी। बीते सप्ताह पांच कारोबारी दिनों में चार दिन सेंसेक्स में तेजी रही और सेसेक्स व निफ्टी दोनों ने ही नई ऊंचाइयों को छुआ। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 276.77 अंकों या 0.91 फीसदी की तेजी के साथ 30,464.92 पर बंद हुआ। निफ्टी 27 अंकों या 0.28 फीसदी की बढ़त के साथ 9,427.90 पर बंद हुआ। मिडकैप सूचकांक में 1.41 फीसदी और स्मॉलकैप सूचकांक में 1.93 फीसदी की गिरावट आई।

सोमवार को सेंसेक्स 133.97 अंकों या 0.44 फीसदी की तेजी के साथ 30,322.12 पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स 260.48 अंकों या 0.86 फीसदी की तेजी के साथ 30,582.60 पर, बुधवार को 76.17 अंकों या 0.25 फीसदी तेजी के साथ बंद हुआ। गुरुवार को सेंसेक्स में गिरावट आई और यह 223.98 अंकों या 0.73 फीसदी की गिरावट के साथ 30,434.79 पर बंद हुआ। शुक्रवार को सेंसेक्स 30.13 अंकों या 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 30,464.92 पर बंद हुआ।

बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे – आईटीसी (4.23 फीसदी), टाटा मोटर्स (2.92 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (0.7 फीसदी), मारुति सुजुकी (0.89 फीसदी), टाटा स्टील (12.05 फीसदी), ल्यूपिन (4.84 फीसदी), हिन्दुस्तान यूनिलीवर (2.81 फीसदी), विप्रो (2.1 फीसदी), टीसीएस (6.24 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (0.74 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.52 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (3.7 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (2.76 फीसदी), भारती एयरटेल (2.1 फीसदी) और कोल इंडिया (0.29 फीसदी)।

वहीं, सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे – महिंद्रा एंड महिंद्रा (2.39 फीसदी), बजाज ऑटो (0.73 फीसदी), इंफोसिस (0.62 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (2.39 फीसदी), एक्सिस बैंक (0.35 फीसदी), अडाणी पोर्ट्स (2.23 फीसदी), ओएनजीसी (2.57 फीसदी) और गेल इंडिया (2.37 फीसदी)।

इस दौरान गुरुवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने 1,211 वस्तुओं की कर दर पर फैसला किया। इनमें से ज्यादातर वस्तुओं पर 18 फीसदी की दर लगाई गई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी परिषद की पहले दिन की बैठक के बाद मीडिया को बताया, “आज किसी भी सामान पर कर को बढ़ाया नहीं गया। बल्कि कई वस्तुओं पर इससे पहले लगने वाली दरों में कटौती की गई है।”

राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने कहा कि करीब 81 फीसदी वस्तुओं पर कर दर 18 फीसदी या उससे कम कर रखी गई है। केवल 19 फीसदी वस्तुओं पर सबसे अधिक 28 फीसदी की दर लगाई गई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि अनाज सहित खाद्य पदार्थ सस्ते हो जाएंगे, क्योंकि उन्हें छूट वाली श्रेणी में शामिल किया गया है। इस श्रेणी में दूध को रखने का भी प्रस्ताव है। वर्तमान में 400 वस्तुओं को कर के दायरे से बाहर रखा गया है।

हेयर ऑयल, टूथपेस्ट और साबुन जैसी चीजों पर जीएसटी में 18 फीसदी कर लगेगा, जबकि फिलहाल इन पर 28 फीसदी कर लगाया जाता है। वहीं, चीनी, चाय, कॉफी, खाद्य तेल और कोयले पर 5 फीसदी कर लगेगा।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शुक्रवार को अपनी बैठक में वस्तुओं की ही तरह सेवाओं की दरों को चार श्रेणियों में बांटने पर सहमति जताई। स्वास्थ्य सेवा तथा शिक्षा सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है।

केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सोने की दर को लेकर परिषद की बैठक में एक राय नहीं बन पाई। अब इस पर 4 जून को होने वाली परिषद की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।

इसाक ने कहा, “सोने की दर के निर्धारण पर हम किसी फैसले पर नहीं पहुंच सके। सेवाओं को वस्तुओं की तरह ही जीएसटी में दरों की चार श्रेणियों में बांटा गया है।”

परिषद ने गुरुवार को 1,211 सामानों के लिए करों की दरों को मंजूरी प्रदान की थी। इनमें से 7 फीसदी सामानों पर कर नहीं लगेगा, 14 फीसदी को 5 फीसदी के स्लैब में रखा गया है, 17 फीसदी सामानों को 12 फीसदी कर की श्रेणी में रखा गया है, 43 फीसदी सामानों को 18 फीसदी कर की श्रेणी में शामिल किया गया है, जबकि 19 फीसदी सामानों पर करों की सबसे उच्च दर 28 फीसदी लगाई गई है।

इसाक ने कहा, “सेवाओं पर वर्तमान में 15 फीसदी कर लगता है। जीएसटी में इसे 18 फीसदी की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि सेवाओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलेगा, जिससे वास्तविक कर की रकम कम होगी।” उन्होंने कहा, “दूरसंचार सेवाओं पर पहले जितना ही कर लगेगा। किसी एक भी चीज पर दर को बढ़ाया नहीं गया है।”

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