विश्व पुस्तक मेला : दूसरे दिन ‘वेलेंटाइन बाबा’, ‘अकबर’ व ‘गंदी बात’ पर चर्चा

विश्व पुस्तकनई दिल्ली| किताबों का महाकुंभ विश्व पुस्तक मेले के दूसरे दिन राजकमल प्रकाशन समूह के स्टॉल में पुस्तक-प्रेमियों को इस साल की बहुचर्चित पुस्तक ‘अकबर’ और ‘गंदी बात’ पर चर्चा हुई। चर्चा में उपन्यास ‘अकबर’ के लेखक शाजी जमां और ‘गंदी बात’ के लेखक क्षितिज रॉय ने अपने अपने उपन्यास से अंश और लोगों के प्रश्नों के जवाब दिए।

‘नॉन रेजि़डेंट बिहारी’ उपन्यास वाले मस्तमौला लेखक शशिकांत मिश्र ने भी अपने आने वाले दूसरे उपन्यास ‘वेलेंटाइन बाबा’ के कुछ अंश सुनाए। इसके बाद सईम हसन ने भोजपुरी, खोरठा, बाउल गान और भी कई लोकगीतों और गायन शैलियों का फ्यूजन प्रस्तुत किया।

शाजी जमां ने कहा, “अकबर पर अभी तक कई किताबें प्रकाशित हुई हैं, मगर मेरा यह उपन्यास सबसे अलग है, मैंने इस पुस्तक के माध्यम से बादशाह सलामत अकबर के सभी पहलुओं को लोगों के समीप लाने की कोशिश की है और मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि एक बार आप इस उपन्यास को पढ़ना शुरू करते हैं तो आप इस उपन्यास में खो जाते हैं।”

उन्होंने लोगों के सवाल का जवाब देते कहा, “अकबर बुढ़ापे में पृथ्वीराज कपूर की तरह दिखते थे और जोधाबाई अकबर की पत्नी थी, इसका भी कोई प्रमाण नही हैं।”

शशिकांत मिश्र ने अपने 14 फरवरी को आने वाले उपन्यास ‘वेलेंटाइन बाबा’ के कुछ अंश पढ़े, साथ ही क्षितिज रॉय ने ‘गंदी बात’ के अंश पढ़े।

मेले में 9 जनवरी (सोमवार) को शाम 4 बजे से 5 बजे तक, ‘वह सफर था कि मुकाम था’ किताब पर मैत्रेयी पुष्पा (सुप्रसिद्ध लेखिका) से प्रेम भारद्वाज (संपादक, ‘पाखी’ पत्रिका) बात करेंगे। उपस्थित पुस्तकप्रेमी भी लेखिका से सीधे संवाद कर सकेंगे। पुस्तक पर हस्ताक्षर के लिए मैत्रेयी पुष्पा शाम 6 बजे तक स्टॉल पर मौजूद रहेंगी।

हर साल की तरह राजकमल प्रकाशन हर तरह के पाठकों के लिए कई खास सौगात लाया है। उपन्यास, संस्मरण, कहानी-संग्रह, कविता संग्रह, नाटक से लेकर कुछ और कथेतर विधाओं में स्थापित और नए लेखकों की पठनीय किताबें मेले में प्रमुखता से होंगी।

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