राजधानी लखनऊ में केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति को लेकर कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में जमकर हुआ प्रदर्शन

 राजधानी लखनऊ में शनिवार को केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति को लेकर कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में जमकर प्रदर्शन हुआ। कांग्रेस सेवा दल के सदस्यों ने विरोध करते हुए कई पत्रिकाएं जलाईं। 

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस नई शिक्षा नीति की कई विसंगतियां हैं। जिससे विद्यार्थियों का जीवन अंधकार में चला जाएगा। इन विसंगतियों को दूर करने के लिए आंदोलन की रुपरेखा तय करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल की शिक्षा समिति ने 30 व 31 अगस्त को जयपुर में बैठक की थी। इसमें कई शिक्षाविदों ने भाग लिया था। 

इन बिंदुओं पर व्यापक रूप से विचार 

  • भारत के संविधान की धारा 21 ए में 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए निश्शुल्क व अनिवार्य शिक्षा उल्लेखित है, जो कि इस आयुवर्ग के हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। घोषित  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इस अधिकार का हनन कर रही है। 
  • इस नीति द्वारा सरकार शिक्षा के अपने दायित्व से पल्ला झाड़ते हुए बाजारीकरण मार्ग प्रशस्त कर रही है और दभांत शिक्षा प्रणाली अर्थात एजुकेशन फॉर क्लासेस एंड लिटरेसी फॉर मासेस को बढ़ावा दे रही है।  
  • सभी दस्तावेज में सब्जबाग तो दिखाये गये हैं। लेकिन नीति के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक धनराशि कहां से आयेगी इसका कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है। फिलहाल, जो सकल घरेलू उत्पाद के 6 प्रतिशत की बात कही गई है। वह आज के समय में अपर्याप्त है। इस कम से कम 10 प्रतिशत किया जाना चाहिए। 
LIVE TV