भाई के बाद रवीश की बहन पर कसा शिकंजा, माफिया से संबंध के लगे आरोप

रवीश कुमार की बहनपटना। नितीश कुमार भी भ्रष्टाचारियों को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं। ताजा मामले में सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान की जिला कार्यक्रम अधिकारी नीता कुमारी पांडेय को सस्पेंड कर दिया है। इन पर बिहार के शिक्षा माफिया से भी संभंध होने के आरोप लगते रहे हैं। नीता कुमारी एनडीटीवी चैनल के पत्रकार रवीश कुमार की बहन बताई जा रही हैं। एक स्थानीय पत्रकार ने ही इसका खुलासा किया है। आरोप लगाया है कि इसी के दम पर वो बार-बार पकड़े जाने के बाद भी हर बार कमाऊ पोस्टिंग पाती रही हैं।

एक स्थानीय पत्रकार कुंदन कुमार ने नीता के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करते हुए उन्होंने फेसबुक पर सबूतों और दस्तावेजों के साथ पूरी कहानी सामने लाए हैं। इससे पहले रवीश कुमार के सगे भाई ब्रजेश कुमार पांडेय भी सेक्स स्कैंडल चलाने के आरोपी हैं और अब तक वो फरार हैं।

रवीश कुमार की बहन नीता कुमारी पांडेय बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सर्वशिक्षा अभियान की जिला कार्यक्रम अधिकारी थीं। उन पर कुछ वक्त पहले भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। राज्य सरकार की तरफ से कराई गई जांच सही पाई गई और उन्हें पद से निलंबित कर दिया गया है।

रवीश कुमार की बहन पर गंभीर आरोप

मुजफ्फरपुर के स्थानीय पत्रकार कुंदन कुमार ने इस बारे में फेसबुक पर पोस्ट (नीचे देखें) लिखकर विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि “जिले के एक राजकीय मध्य विद्यालय में भवन के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार पर मैंने जब तफतीश शुरू की थी, तब नीता कुमारी पांडेय ने मेरे हर आरोप को यह कहकर खारिज कर दिया था कि विद्यालय की बिल्डिंग के निर्माण में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। जबकि नंगी आंखों से देखा जा सकता था कि बिल्डिंग बनाने में बड़े पैमाने पर लूट हुई थी और छोटे-छोटे बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया गया था। ये पहला मौका नहीं है जब नीता कुमारी पांडेय भ्रष्टाचार के केस में निलंबित हुई है। सर्व शिक्षा अभियान से पूर्व वो जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) मुजफ्फरपुर के पद पर भी नियुक्त थीं। उन्होंने वहां पर अवैध निकासी और अवैध शिक्षकों की बहालियां की थीं। जिसकी जांच में भी आरोप सही पाए गए और काफी वक्त सस्पेंड रहीं। पैसे की वसूली और ऊपर तक उसके बंटवारे की एक्सपर्ट मानी जाने वाली इस भ्रष्ट और कुटिल महिला को हमेशा से राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है। बार-बार करप्शन के केस में फंसने के बावजूद वो मनचाहे पदों पर नियुक्ति पाती रही और बेशर्मी के साथ सरकारी पैसों की लूट को जारी रखा। मुझे पूरा भरोसा है कि बिहार के सुशासक जल्दी ही उन्हें नई जिम्मेदारी देकर परम उद्देश्यों के लिए दोबारा स्थापित कर देंगे।”

नीचे आप पत्रकार कुंदन कुमार की फेसबुक पोस्ट देख सकते हैं, जिसमें उन्होंने विस्तार से पूरे मामले की जानकारी दी है। उनका ये पोस्ट 30 मार्च का है।

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