Exclusive Interview : सीएम योगी के साथ खुले राम मंदिर के कई राज, जब बोले स्वामी जी…

योगी के कई अनछुए पहलूलखनऊ। यूपी में सीएम योगी की छवि के बारे में अलग-अलग विचारधाराएं बनी हुई हैं। समाज में रहने वाले बहुत से लोगों का मानना है कि वे एक कट्टर विचारधारा के व्यक्ति हैं और धर्म विशेष के प्रति उनके मन में अलग भाव हैं। लेकिन मंगलवार को लाइवटुडे चैनल में उनके एक बहुत ही अजीज मित्र या साथी आए। यहां उन्होंने सीएम योगी के कई अनछुए पहलू खोले, जिसके बारे में शायद ही उनके अलावा कोई जानता हो। आइए जानते हैं योगी आदित्यनाथ के जीवन से जुड़ी कुछ ख़ास बातें…

योगी के कई अनछुए पहलू

बता दें हम बात कर रहे हैं सीएम योगी के ख़ास मित्र स्वामी चिन्मयानन्द की। मंगलवार शाम वे लखनऊ में थे। यहां आकर उन्होंने सबसे पहले सीएम योगी से मुलाक़ात की, जिसके ठीक बाद वे लाइवटुडे चैनल में आए। स्वामी चिन्मयानन्द जी पूर्व गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं।

जिस दौरान रामजन्म भूमि विवाद शुरू हुआ, उस वक्त रामजन्म भूमि यज्ञ समिति का गठन किया गया।

इस समिति में मुख्य रूप से दो नाम बहुत ही प्रसिद्ध है। एक हैं स्वामी चिन्मयानन्द जी और दूसरे गुरु महंत अवैद्यनाथ जो कि स्वामी जी और सीएम योगी दोनों के गुरु रहे हैं।

इस कारण यह कहा जा सकता है कि योगी जी के जीवन के बारे में और उनके व्यक्तित्व के बारे में जितनी गहराई से स्वामी जी जानते हैं, उतना शायद ही कोई अन्य जानता हो।

स्वामी जी ने अर्से पूर्व एक बात कही थी कि उन्हें जितनी अच्छी मन्दिर की घंटियों की आवाज लगती है, उतनी ही उन्हें मस्जिदों से आने वाली अजान की आवाज भी बेहद पसंद है।

उनका कहना है कि सीएम योगी का व्यक्तित्व गंगा के समान पवित्र है। वे आज सीएम हुए हैं, लेकिन वे उससे पहले एक संत हैं।

कट्टर व्यक्तित्व के बारे में स्वामी जी का कहना है कि ये लोगों की विचारधारा और सोच हैं कि वे किस नजरिये से उन्हें देखते हैं।

स्वच्छता और सुचिता की बात पर उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सुचिता पर ध्यान देता है अब उसे कट्टर कहा जाए तो इसके लिए क्या कहा जा सकता है।

उन्होंने बताया कि सीएम योगी के संचालन में 2000 से अधिक मठ हैं। यहां आने वाले लोगों में मुस्लिमों की संख्या हिन्दुओं से कहीं ज्यादा है। उन्हें कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ जैसा लोग उनके बारे में बात करते हैं।

उन्होंने अपनी बातों में यह भी साफ़ किया कि सीएम योगी ने आज तक संविधान के खिलाफ कोई भी बयान नहीं दिया है।

अवैध बूचडखानों को बंद करने के मामले में उन्होंने कहा कि यह फैसला एनजीटी के आदेश पर लिया गया। उनके खिलाफ विपक्षी मौके का फायदा उठा उन्हें महज बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अवैध के खिलाफ एक्शन लेना अगर गलत है तो सरकार का कोई दायित्व ही नहीं रह जाएगा। आज अवैध बूचडखाने चलेंगे कल अवैध शराब का कारोबार और फिर अवैध दवाओं को रोकना भी शायद गलत ही होगा।

राम मंदिर मामले में उन्होंने एक बेहद ही चौकाने वाला राज खोला। उन्होंने बताया कि राजधानी में कदम रखते ही मुस्लिमों के एक समूह ने उन्हें राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। साथ इस ज्ञापन को राष्ट्रपति तक पहुंचाने का उनसे निवेदन किया।

स्वामी जी ने बताया कि इस ज्ञापन को उन्हें मुस्लिमों के शिया समुदाय ने मिलकर दिया। इसमें यह साफ़ तौर पर कहा गया कि बाबरी मस्जिद का निर्माण बाबर के सेनापति मीर बाकी ने कराया था।

मीर बाकी शिया था इसलिए उस मस्जिद पर शियों का ही अधिकार था। इस संबध में दूसरे वर्ग का कोई भी लेना देना नहीं है।

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा की इलाहाबाद की हाईकोर्ट ने भी जांच में और खुदाई के दौरान मंदिर के अंश मिलने पर इस बात को प्रमाणित किया था कि वहां मस्जिद से पहले मंदिर हुआ करता था।

अब ताजा मामले में सुप्रीमकोर्ट ने इसे खुले तौर पर सुलह और समझौते से निपटाने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि दिए गए इस ज्ञापन से यह साफ़ है कि मुस्लिम भी, जिनका बाबरी मस्जिद पर मूल अधिकार था, मंदिर निर्माण के हक में अपना फैसला दे चुके हैं।

बाकी जारी विवाद सिर्फ विपक्षियों के गलत मंसूबों को जाहिर करता है, जो इस मुद्दे को हवा देने का काम कर रहे हैं।

सीएम योगी और सरकार की इस मामले में दखल देने की बात पर उन्होंने बात करने से साफ़ इनकार कर दिया।

उनका कहना है कि जब अभी उनका हस्तक्षेप माँगा ही नहीं गया तो उन्हें शामिल करने की जरूरत भी नहीं है। सुप्रीमकोर्ट के आदेश अनुसार अभी इस बात का फैसला आपसी सुलह से ही निकाला जाएगा। लेकिन वहीं उन्होंने यह भी कहा कि जब दखल की जरूरत पड़ेगी तो देखा जाएगा।

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