यूपी में भाजपा को मिली संजीवनी, बड़ी पार्टी आई साथ

मऊ। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों में बीजेपी की तैयारी सभी पार्टियों से थोड़ी हटके नजर आ रही है। भारतीय जनता पार्टी यूपी फतह करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। वैसे तो यूपी में भाजपा अपनी कोई भी प्लानिंग को खुलकर सामने नहीं लाती है। लेकिन यूपी को सपा-बसपा से मुक्त करने के लिए अपनी हर बिसात चुन-चुन कर व सोच समझ कर बिछा रही है।

यूपी में भाजपा

यूपी में भाजपा की ऐसी ही एक गोपनीय प्लानिंग में आज शहर में नजर आई। यहां भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने वाराणसी के सर्किट हाउस में एक बैठक के दौरान विधानसभा चुनाव में सिर्फ भाजपा को ही समर्थन देने का ऐलान किया है। ओम प्रकाश राजभर की इस घोषणा से भाजपा को यूपी के पूर्वांचल के लगभग सैकड़ों सीटों पर संजीवनी मिल जायेगी और जीत की राह भी आसान हो जायेगी।

इसके अलावा ओम प्रकाश राजभर की पार्टी को लगभग दो दशक होने को हैं। भाजपा से गठबंधन के बाद भारतीय समाज पार्टी का खाता विधानसभा में खुलना तय हो जायेगा। साथ ही दोनों पार्टियों की सपा-बसपा मुक्त यूपी के नारे को भी बल मिलेगा।

बैठक के दौरान ओम प्रकाश ने कहा कि गठबंधन के लिए बीजेपी के नेताओं से बातचीत चल रही है और हम लोगों को पूर्ण विश्वास है कि गठबंधन हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर भासपा का बीजेपी में विलय भी होता है तो वे अयोध्या में राम मंदिर बनाने की लड़ाई लड़ेंगे।

सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी की पूर्वांचल में 122 सीटों पर अपने वोट बैंक की बदौलत मजबूत पकड़ है। पूर्वांचल की 67 सीटें तो ऐसी हैं, जहां पर राजभर समाज के डेढ़ लाख वोट हैं और 56 सीटों पर लगभग 25 से 45 हजार तक का वोट बैंक है। ऐसे में भाजपा का भासपा के साथ इस नई दोस्ती की बिसात अगर चुनाव होने तक तय हो गई तो यूपी के राजनीतिक माहौल में नया गुल खिलना तय है।

अब देखना यह होगा कि भासपा गठबंधन करती है या विलय। खैर जो भी हो भाजपा व भासपा का साथ-साथ आना तो लगभग तय हो ही गया है। ऐसे में केसरिया व पीला झण्डा यूपी के राजनीतिक माहौल का रंग कैसे बदलते हैं यह भी देखना दिलचस्‍प होगा। इस गठबंधन से सपा- बसपा सहित अगर कौमी एकता दल या जनवादी पार्टी पूर्वांचल में अकेले चुनाव लड़ती है तो उसे खासा नुकसान उठाना पड़ेगा।

प्रस्‍तुति-विवेक सिंह

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