यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री ने संभाला कार्यभार, बैठक के साथ ही अधिकारियों को दिए ये निर्देश

report – awanish kumar

लखनऊ – यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी अपना कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही फार्म में आ गए हैं, विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद मंत्री ने अपनी प्राथमिकता गिना दी, बेसिक शिक्षा को शीर्ष पर लाने के लिए वह किसी भी तरह से समझौता करने को तैयार नहीं हैं। मंत्री ने एलान किया है कि अब बेसिक शिक्षा परिषद् को प्रयागराज से लखनऊ शिफ्ट किया जायेगा। वहीँ पुरुष शिक्षक का तबादला तीन साल और महिला का एक साल में तबादला हो सकता है।

 

लखनऊ में बेसिक शिक्षा विभाग के सामने बड़ा प्रदर्शन होने के बाद भी उसी प्रांगण में उन्होंने मीडियाकर्मियों से वार्ता की और अपनी शीर्ष योजनाओं पर प्रकाश डाला। बेसिक शिक्षा मंत्री ने एलान किया कि हम लोग सूबे में बड़ा अभियान चला कर फर्जी शिक्षकों को बाहर करेंगे। एसआईटी ने प्रदेश में 4000 फर्जी शिक्षक चिन्हित किये हैं जिनमें से 1300 चिन्हित कर कार्रवाई की जा चुकी है। अब यह लोग विभाग से बाहर होंगे।

मंत्री ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होगा। जिससे कि बेसिक स्कूल से आगे की शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्रा पाठ्यक्रम को लेकर जरा भी परेशान व भ्रमित न हों। पाठ्यपुस्तक, यूनिफार्म, स्कूल बैग, जूते मोजा और स्वेटर की उपलब्धता समय से सुनिश्चित करने के लिए अलग से कारपोरेशन बनेगा। डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद का कार्यालय लखनऊ स्थानांतरित किया जाएगा। स्कूली शिक्षा के लिए अब अलग से निदेशालय बनेगा। बेसिक शिक्षा विभाग में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का अहम रोल है।

उसके परफॉर्मेंस से ही विभाग का परफॉर्मेंस तय होता है। हब बीएसए के चयन की पारदर्शी प्रक्रिया लागू करेंगे। सबसे आवदेन मांगेंगे कि कौन बेसिक शिक्षा अधिकारी बनना चाहता है। इसके बाद उनकी मेरिट तय की जाएगी। उनका इंटरव्यू होगा और उनसे एक्शन प्लान लिया जाएगा। बीएसए की नियुक्ति में नये, इनोवेटिव और उत्साही अफसरों को अवसर देंगे । उन्होंने बताया कि मिड डे मील की निगरानी के लिए हर मंडल पर फ्लाइंग स्क्वाड बनेगा।

डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि शिक्षकों का तबादला एक समस्या है। इसकी पारदर्शी नीति विकसित की जाएगी। तबादले के लिए इंडेक्स सिस्टम लागू किया जाएगा। पहले पांच साल सेवा पर ही तबादले का नियम था, अब इसे घटाकर तीन साल कर दिया गया है। अक्टूबर से आवेदन लेंगे। अगले सत्र की शुरुआत से पहले तबादला कर दिया जाएगा। महिला शिक्षक के लिए तबादले की समयसीमा तीन वर्ष से घटाकर एक वर्ष की जाएगी। सैनिकों की पत्नी का तो उनकी प्राथमिकता के आधार पर तबादला होगा। इसके साथ ही गंभीर रोग से पीडि़त और दिव्यांग को भी प्राथमिकता मिलेगी। एक जिले से दूसरे जिले और जिले के भीतर तबादला हो सकेगा। केवल अपने ग्राम पंचायत में तैनात नहीं हो सकेगी। मृतक शिक्षकों के आश्रितों की नियुक्ति अब समयबद्ध की जाएगी। जो आश्रित शिक्षक बनने योग्य हैं और टीईटी पास हैं, उन्हें शिक्षक बनाएंगे। जो मृतक आश्रित जरूरी शैक्षिक योग्यता रखते हैं और चतुर्थ श्रेणी कमर्चारी है, अगर टीईटी पास करते हैं तो उन्हें भी शिक्षक बनाया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से मानव सम्पदा पोर्टल विकसित किया जा रहा है।

इसमें सभी स्कूलों के शिक्षक और बच्चों की समग्र जानकारी होगी। मंत्री ने बताया कि अब परिषदीय स्कूलों में प्रार्थना के समय 15 मिनट का योग सत्र होगा। बच्चों में खेल कूद की भावना विकसित करने के लिये आखिरी पीरियड खेल कूद का होगा । उन्होंने कहा कि महिला शिक्षकों की मातृत्व अवकाश और बाल्य अवकाश स्वीकृति की दिक्कत दूर की जाएगी। शिक्षकों और अधिकारीयों को अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। स्वीकृति समयबद्ध और ऑनलाइन होगी। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षक के लिए कोई प्रोटोकॉल नहीं है। सबके लिए उनके दरवाजे खुले है।

स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बच्चों के साथ महिला शिक्षक अलग सेल्फी भेजेंगी। चार सितंबर को शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मुख्यमंत्री शिक्षकों को पुरस्कृत करेंगे। मुख्यमंत्री प्रेरणा ऐप भी लांच करेंगे। जब टेबलेट देंगे तब फोटो अटेंडेंस अनिवार्य कर देंगे । 2 महीने में टेबलेट देने की कोशिश होगी।

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एक दिन की देरी और अनुपस्थिति पर कार्रवाई नहीं होगी। तीन दिन से अधिक की अनुपस्थिति पर कार्रवाई होगी। मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी हर महीने स्कूल का निरीक्षण करेंगे और रिपोर्ट देंगे। सफाईकर्मी अनिवार्य रूप से रोज स्कूलों मे झाड़ू लागयेंगे। अब तो इनकी बायोमेट्रिक हाजिरी लगेंगी। स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने के लिए पंचायती राज विभाग से अनुरोध किया गया है। सभी शिक्षक के लिये ट्रेनिंग मॉड्यूल विकसित करा रहे हैं। दीक्षा ऐप के जरिये उन्हें ट्रेनिंग के लिए ऑनलाइन मैटेरियल उपलब्ध कराएंगे।

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