यहाँ नंदी के कान में बोलने पर पूरी हो जाती हैं सारी मुरादें, जानें कहाँ होता है ये चमत्कार…
भगवान शिव की महिमा अपार है। कम से ही ये संतुष्ट हो जाते हैं और अपने भक्तों की सारी मुरादें पूरी कर देते हैं। जब हम किसी मंदिर या कोई भी धार्मिक स्थल पर जाते हैं तो भगवान के सामने अपनी बातों को रखते हैं।
हम मन ही मन ईश्वर के सामने हाथ जोड़कर उनसे प्रार्थना करते हैं। भोलेनाथ के किसी मंदिर में जाकर भी हम ऐसा ही करते हैं, लेकिन बात जब वहां स्थापित नंदी के मूर्ति की होती है तो हम उनके कान में अपनी बात रखते हैं।
शिवालय में नंदी का होना अनिवार्य है और इसी नंदी के कान में लोग अपनी बातें कहते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर नंदी के कानों में ही लोग क्यों बोलते हैं? आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
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बता दें कि इस परंपरा के पीछे एक मान्यता है। पौराणिक कथाओं में इस बात का जिक्र किया गया है कि किसी जमाने में श्रीलाद नामक एक मुनि ने ब्रह्मचर्य का पालन करने का सोचा।
अब जाहिर सी बात है कि इससे वंश के आगे बढ़ने की संभावना नहीं थी। सामाप्त होते हुए वंश को देख श्रीलाद के पिता चिंतित हो गए।