500-1000 नोट बैन से मोबाइल वॉलेट कंपनियों के आए अच्छे दिन

नई दिल्ली। पुराने बड़े नोटों को अवैध घोषित किए जाने के बाद आम जनता भले दैनिक जरूरत की वस्तुओं की खरीदारी के लिए नकदी हासिल करने के लिए बैंकों और एटीएम के आगे लंबी-लंबी कतारों में जूझ रही हो, लेकिन मोबाइल वॉलेट कंपनियों के अच्छे दिन जरूर आ गए हैं।

मोबाइल वॉलेट

एयरटेल पेमेंट्स बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशि अरोड़ा ने कहा, “हमारी ई-भुगतान सेवा एयरटेल मनी के लेनदेन में और नकदी भंडारण में भारी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। आने वाले दिनों में इसमें और इजाफा होगा, क्योंकि हमने एयरटेल मनी से लेनदेन पर 10 फीसदी कैशबैक का ऑफर शुरू किया है।”

उन्होंने कहा कि एयरटेल मनी एप के डाउनलोड में तेज वृद्धि दर्ज की गई है और उपयोगकर्ताओं की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से मंगलवार को अचानक 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को अवैध घोषित कर दिया था।

प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद से ही पुराने नोट बदलवाने, पुराने नोट अपने खातों में जमा करवाने और नकदी निकासी के लिए बैंकों और एटीएम बूथ के बाहर लोगों की भीड़ जमा होने लगी। मोबाइल वॉलेट कंपनियां इसे अपने कारोबार को बढ़ाने के अवसर के रूप में देख रही हैं।

ई-भुगतान सेवा प्रदान करने वाली अग्रणी कंपनी पेटीएम के मुख्य वित्त अधिकारी मधुर देवड़ा ने आईएएनएस से कहा, “काले धन को बाहर निकालने और नकली नोटों पर रोकथाम लगाने की दिशा में उठाया गया यह बहुत बड़ा और महत्वाकांक्षी कदम है। पेटीएम चूंकि ई-भुगतान का पर्याय बन चुका है, इसलिए हमारी ई-भुगतान सेवा के इस्तेमाल में भारी बढ़ोतरी दर्ज हुई है।”

उन्होंने बताया कि विमुद्रीकरण की घोषणा के अगले दिन पेटीएम के इस्तेमाल में 435 फीसदी का इजाफा हुआ, जबकि लेनदेन में 200 फीसदी का इजाफा हुआ।

उद्योग मंडल एसोचैम और अनुसंधान एजेंसी आरएनसीओएस द्वारा हाल ही में किए गए अध्ययन में कहा गया है कि भारत में मोबाइल भुगतान कारोबार में 2022 तक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 90 फीसदी से अधिक रहने का अनुमान है। 2016 में मोबाइल भुगतान कारोबार 300 करोड़ रुपये है। यह 2022 में बढ़कर 15,300 करोड़ रुपये हो जाएगा।

अग्रणी मोबाइल भुगतान सेवा मोबीक्विक के लेनदेन में विमुद्रीकरण की घोषणा के बाद 18 गुना वृद्धि दर्ज की गई है।

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