मोदी सरकार के इस फैसले से ‘कट’ गए मीट व्यापारियों के हाथ, जानवरों को काटना हुआ नामुमकिन

मोदी सरकारनई दिल्ली। यूपी सरकार के द्वारा अवैध बूचड़खानों पर कसी गई नकेल के बाद अब केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने देश में गो रक्षा के लिहाज से बड़ा कदम उठाते हुए कत्लखानों के लिए मवेशियों की खरीद या बिक्री पर रोक लगा दी है। पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को ये फरमान सुनाया।

पर्यावरण मंत्रालय ने “द प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टु एनिमल्स” (रेगुलेशन ऑफ लाइवस्टॉक मार्केट्स) नियम 2017 को नोटिफाई कर दिय़ा है। इस नोटिफ़िकेशन का मक़सद मवेशी बाजार में जानवरों की खरीद- बिक्री को रेगुलेट करने के साथ मवेशियों के खिलाफ क्रूरता रोकना है। इस नोटिफ़िकेशन के बाद नियमों के मुताबिक मवेशी को बाजार में खरीदने या बेचने लाने वाले को ये सुनिश्चित करना होगा कि मवेशी को बाजार में कत्ल के मकसद से खरीदने या बेचने के लिए नहीं लाया गया है।

मोदी सरकार ने दिया बड़ा झटका…

इसके लिए खरीदने और बेचने वाले दोनों को एनिमल मार्केट कमिटी के मेंबर सेक्रेटरी को एक अंडरटेकिंग देना पड़ेगा। बिना राज्य मवेशी संरक्षण कानून की मंजूरी के खरीदार मवेशी को राज्य के बाहर भी नहीं बेच सकेगा। दरअसल, गाय, सांड़, भैंस, बैल, बछड़े, ऊंट जैसे जानवर मवेशियों की कैटेगरी में आते हैं। मीट व्यापारी 50 से 60 फीसदी जानवर इन्ही बाज़ारों में से अब तक आसानी से जानवर लेके चले जाते थे।

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इस नोटिफ़िकेशन में बाजार की परिभाषा को साफ करते हुए बताया गया कि जहां अलग-अलग जगहों से जानवर बेचने या नीलामी के लिए लाए जाते हैं। जिला स्तर पर एक डिस्ट्र‍िक्ट एनिमल मार्केट मॉनिटरिंग कमिटी बनेगी। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर एनिमल मार्केट कमेटी बनेगी। नोटिफ़िकेशन में कहा गया है कि खरीदने वाले को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि वो मवेशी को खेती के उद्देश्य से ले जा रहा है। खरीदार को ये घोषणापत्र देना होगा कि वह 6 महीने तक मवेशी को नहीं बेचेगा। अब से मवेशी की धार्मिक उद्देश्य से बलि भी नहीं दी जा सकेगी।

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