स्थानीय भाषा में हो मृदा स्वास्थ्य कार्ड की छपाई : प्रधानमंत्री

मृदा स्वास्थ्य कार्डनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड को स्थानीय भाषा में मुद्रित किया जाना चाहिए और तकनीकी का इस तरह से इस्तेमाल हो कि हाथ में पकड़े जाने वाले उपकरणों के जरिए मिट्टी की जांच आसानी से हो सके। मृदा स्वास्थ्य कार्ड व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा करते हुए मोदी ने कहा कि 16 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण के पहले चरण को पूरा कर लिया गया है। बाकी के राज्यों में इसे कुछ हफ्तों के अंदर पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सैम्पलिंग ग्रिड में और विभिन्न मृदा जांच प्रयोगशालाओं में होने वाले अंतर के लिए समुचित जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे रिपोर्ट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

तीन तलाक पर सब कुछ हो जाएगा साफ, सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनाएगा फैसला

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्डो की छपाई क्षेत्रीय भाषा में की जानी चाहिए ताकि किसान उन्हें आसानी से पढ़ने और समझने में सक्षम हों।

अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को शीघ्र अपनाए जाने पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मिट्टी की जांच हल्के उपकरणों से भी संभव है, जिन्हें हाथों में लेकर भी चला जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस बात की संभावना तलाशें ताकि इस कार्य में स्टार्टअप और उद्यमिता को शामिल किया जा सके।

शर्मनाक : बदमाश बने दरिंदे, घरवालों के सामने किया सामूहिक बलात्कार

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में, प्रधानमंत्री को यह बताया गया कि वर्ष 2016 के खरीफ मौसम में और 2016-17 के रबी मौसम में 7700 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के दावे का भुगतान किया गया है और इससे 90 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं।

अधिकारियों ने यह भी कहा कि फसल बीमा के दावे से संबंधित आंकड़े जल्द-से-जल्द संग्रह करने के काम में स्मार्ट फोन, दूरसंवेदी उपकरणों, उपग्रह आंकड़े और ड्रोन सहित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

समीक्षा बैठक के दौरान कृषि मंत्रालय, नीति आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

LIVE TV