मिलेगी साइकिल को रफ़्तार, अखिलेश ने मांगा मुलायम से तीन महीने का वक्त

साइकिल को रफ़्तारलखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के बीच छिड़े संग्राम में सुलह की गुंजाइश अभी ख़त्म नहीं हुई हैं। दोनों ही खेमों से इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं। सियासी संकट के बीच अखिलेश यादव की पार्टी विधायकों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में आजम खां भी मौजूद रहे। वहीँ मुलायम सिंह यादव, शिवपाल के साथ चुनाव आयोग में हलफनामा दाखिल करने दिल्ली चले गए।

साइकिल को देंगे नई रफ़्तार

सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने नेताजी (मुलायम) से सिर्फ तीन महीने का समय मांगा है। इन तीन महीनों के बाद आप सब कुछ ले लीजिएगा। आपने मुख्यमंत्री बनाया है, जिसको चाहिए अध्यक्ष भी बना दीजिएगा। मुझे कोई ऐतराज नहीं होगा। लेकिन इस समय सिर्फ तीन महीने दे दीजिए।

सीएम ने विधायकों को बताया कि सुबह आजम खान उनसे मिलने आए थे। इसके बाद वह खुद नेताजी से मिलने जाने वाले थे लेकिन पता चला कि नेताजी दिल्ली रवाना हो गए हैं, इसलिए मुलाकात नहीं हो सकी।

इसके बाद अखिलेश खेमा सपा कार्यालय में बैठक का आयोजन करने जा रहा है। इस बैठक में सभी सपा जिलाध्यक्षों और महानगर प्रमुखों को बुलाया गया है।सपा सूत्रों के मुताबिक, बैठक में करीब 90 फीसदी से अधिक विधायक पहुंचे हैं। उनसे हलफनामे पर हस्ताक्षर कराया जा रहा है। चुनाव चिह्न् पर दावा पेश करने के बाद अखिलेश खेमा गुरुवार को ही चुनाव आयोग को समर्थक विधायकों की सूची सौंप सकता है।

सुलह न हो पाने पर एमएलसी सुनील यादव साजन ने कहा कि अखिलेश यादव राजधर्म का पालन करने का फैसला कर रहे हैं।

इधर, सपा में चल रही रार खत्म करने के लिए मुलायम सिंह यादव के आवास पर आजम खां, शिवपाल यादव, बलराम यादव, नारद राय व ओम प्रकाश सिंह ने मैराथन बैठक की। इस बैठक में मुलायम सिंह यादव तनाव मुक्त और समझौते को लेकर खासे आश्वस्त भी दिखे।

सपा सूत्रों के मुताबिक, मुलायम ने कहा कि इस तरह के विपरीत हालात उन्होंने पहले भी देखे हैं और उन्हें इन सब चुनौती से निपटने का पुराना अनुभव है, इसलिए चिंता की बात नहीं है। मुलायम ने उम्मीद जताई कि बहुत जल्द रास्ता निकल आएगा।

इस बीच, उन्होंने रामगोपाल यादव के खिलाफ आयोग को एक और ज्ञापन भेजा है। रामगोपाल यादव ने 1 जनवरी को एक अधिवेशन बुलाया था, जिसे मुलायम सिंह यादव ने असंवैधानिक बताया था।

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