मदरसों ने मिड डे मील पर लगाई रोक, कहा- नहीं चाहिए हिन्दुओं का खाना !
उज्जैन। क्या आप सोच सकते हैं कि किसी विद्या के मंदिर में सरकार द्वारा बच्चों को मिलने वाला मिड डे मील सिर्फ इसलिए लेने से इंकार कर दिया जाए कि वह हिन्दूओं द्वारा बनाया गया है।
लेकिन मध्यप्रदेश के उज्जैन में ऐसा हुआ है। यहां 55 मदरसों ने अपने यहां बच्चों के मिड डे मील पर रोक लगा दी है।
आरोप लगाया है कि यह खाना हिन्दू रीति रिवाज से बनाया गया है और यह मुस्लिम धर्म के खिलाफ है।
इन मदरसों में बच्चों को तालीम देने वाले मौलवियों का कहना है कि परेशानी हिंदू लोगों द्वारा खाना बनाने पर नहीं बल्कि इस बात से है कि खाने को स्टूडेंट्स को देने से पहले हिंदू भगवानों को उसका भोग लगाया जाता है।
Ujjain: Madarsas refuse midday meals to kids alleging that part of the food is being served is offered to Hindu gods pic.twitter.com/LAc4ljqUnz
— ANI (@ANI) August 6, 2016
मदरसा प्रशासन के लोगों का कहना कि वे ऐसे पूजा-पाठ करके दिया गया खाना ना तो खुद खाएंगे और ना किसी स्टूडेंट को खाने देंगे।
मिड डे मील पर मदरसों के रवैये से अभिभावक परेशान
मदरसों और मिड डे मील देने वाली कंपनी की इस लड़ाई के बीच बच्चों के माता-पिता टेंशन में हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे क्या करें।
दरअसल मदरसों को अबतक यह खाना इस्कॉन मंदिर द्वारा दिया जा रहा था। लेकिन जुलाई 2016 में उनका टेंडर खत्म हो गया था और अब BRK Foods and Ma Parvati Foods नाम की कंपनी द्वारा खाना दिया जाना था लेकिन मदरसों ने इसे भी लेने से मना कर दिया। BRK Foods and Ma Parvati Foods लगभग 315 स्कूलों को खाना देता है। इसमें से 56 मदरसों ने खाना लेना बंद कर दिया है।