भाजपा के दलित नेता ने मायावती को दिखाई औकात, कहा अभी तो बस शुरुआत है

मायावती को दिखाई औकातनई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी के खाते में 104 करोड़ रुपये आने का सच सामने आया है। जिस पर मायावती ने आक्रामक तरीके से सफाई पेश की है। इसके लिए मायावती ने अपनी जाति को हथियार बनाया है। इस बात को लेकर केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान भड़क गये हैं।

पासवान ने मंगलवार को कहा कि मायावती अपने दलित होने को ही भ्रष्टाचार में लिप्त होने का लाइसेंस मानकर चल रही हैं। लेकिन कानून उन्हें इसकी इजाजत नहीं देता और उन्हें कानून को अपना काम करने देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बीएसपी के बैंक खाते की जांच अंतिम नहीं है बल्कि यह पहला अध्याय है और जल्द ही और ब्यौरा सामने आएगा।

पासवान ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ नोटबंदी के बाद बसपा के बैंक खाते में कथित तौर पर रातोरात 104 करोड़ रुपये जमा करने को लेकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि समाज के दलित वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी के पास इतना धन होना दुखद है।

पासवान ने अपनी पार्टी लोजपा की दुहाई देते हुए कहा कि हमारी पार्टी भी दलितों के हित में काम करती है लेकिन हमारी पार्टी चुनाव के नाम पर काला धन नहीं जमा कराती। हमारे सात लोकसभा सांसद हैं और हमारी पार्टी के बैंक खाते में महज 1 लाख 3 हजार 198 रुपये हैं। बसपा के खाते में करोड़ों रुपये होना उनके भ्रष्टाचार में लिप्त होने का संकेत जाहिर करता है। उन्हें सरकारी कार्य में बाधा नहीं डालनी चाहिये व अधिकारियों को अपना काम करने देना चाहिये।

नोटबंदी ने तोड़ी कमर

लोजपा अध्यक्ष पासवान ने मायावती के इस कार्यवाही के विरोध किये जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद से मायावती व लालू प्रसाद यादव को सबसे ज्यादा तकलीफ हुई है। 8 नवंबर के बाद से नोटबंदी ने सबसे ज्यादा इन्ही लोगों को प्रभावित किया है।

पासवान यहीं नहीं रुके। उन्होने मायावती के भाई आनंद कुमार के खातों में आये 1 करोड़ 43 लाख रुपये पर भी सफाई पेश करने को कहा। उनकी आय का स्रोत क्या है? साथ ही यह भी मांग की कि उन एजेंसियों व फर्मों के खातों की जांच होनी चाहिये जहां से उनके खाते में करोड़ों रुपये आने की सच्चाई सामने आई है।

नितीश से लें समर्थन वापस

पासवान ने नोटबंदी के खिलाफ संयुक्त मुहिम चला रहे अन्य राजनीतिक दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी और कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी के साथ गठबंधन में शामिल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं और वे लोग राजनीतिक कारणों से इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इन पार्टियों को चुनौती दी कि अगर वे अपने विरोध को लेकर गंभीर हैं तो नीतीश कुमार की सरकार से समर्थन वापस ले लें।

 

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