ऐसे ही नहीं कोई बन जाता ‘धोनी’, पांच फैसले और रच दिया इतिहास
नई दिल्ली: हाल ही में आई फिल्म “एम॰ एस॰ धोनी: द अनटॉल्ड स्टोरी” क्रिकेट और माही के फैन्स के लिए एक ज़बरदस्त तोहफा रहा. इस फिल्म से दर्शकों को उनके स्टार महेंद्र सिंह धोनी के जीवन से जुड़ी कुछ अनसुनी कहानियाँ देखने को मिलीं. लेकिन अब धोनी की कप्तानी छोड़ देने की ख़बर क्रिकेट प्रेमियों को हैरान और परेशान कर रही हैं.
बुधवार को सारे न्यूज चैनल पांच राज्यों में चुनावों की तारीख घोषित होने की खबरों पर ही अटके हुए थे, अचानक से ब्रेकिंग न्यूज आती है कि धोनी ने टी-20 और वनडे कप्तानी छोड़नें का फैसला लिया है.
यह ख़बर अब तक तो हर व्यक्ति के पास पहुंच चुकी है.
महेंद्र सिंह धोनी ने किया सबको सन्न
धोनी के इस फैसले से पूरा क्रिकेट जगत सन्न रह गया है.
लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब माही ने अपने फैसले से सबको चौंकाया हो.
धोनी ने क्रिकेट करियर की शुरुआत से ही कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे हर कोई दंग रह गया.
महेंद्र सिंह धोनी के पांच बड़े फैसले, जो हमें हमेशा याद रहेंगे.
2007 टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल
पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच और आखिरी छह गेंद पर 13 रनों की जरूरत.
पाकिस्तान के पास एक ही विकेट बचा था, लेकिन मिस्बाह उल हक जिस अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे थे, लग रहा था मैच भारत की झोली से निकल चुका है.
आखिरी ओवर के लिए सबको उम्मीद थी कि धोनी अनुभवी हरभजन सिंह को गेंद थमाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
माही ने जोगिंदर शर्मा से आखिरी ओवर कराने का फैसला लिया.
पहली दो गेंद पर सात रन जा चुके थे, एक वाइड और दूसरा मिस्बाह के बल्ले से निकले छक्के का छह रन.
एक तरफ जहाँ लोगों का दिल धक-धक करने लगा, वहीँ धोनी ने जोगिंदर से जाकर कहा कि कोई बात नहीं तुम घबराओ मत.
अगली गेंद पर शर्मा ने मिस्बाह को कैच आउट कर टीम इंडिया को टी-20 चैम्पियन बना दिया.
यह पहला मौका था जब धोनी के फैसले ने सबको चौंका किया था.
2011 वर्ल्ड कप फाइनल
2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में टीम इंडिया श्रीलंका के खिलाफ 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी थी.
टीम मुश्किल में तब पड़ी जब 31 रनों तक वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर पवेलियन लौट चुके थे.
गौतम गंभीर ने विराट कोहली के साथ मिलकर स्कोर 114 रनों तक पहुंचाया, कोहली 35 रन बनाकर आउट हो गए.
कोहली के बाद बल्लेबाजी के लिए युवराज सिंह को आना था.
युवी ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार बल्लेबाजी की थी.
लेकिन इनफॉर्म युवी की जगह कैप्टन माही खुद बल्लेबाजी करने के लिए आ गए.
पूरे टूर्नामेंट में धोनी को बल्लेबाजी का ज्यादा मौका नहीं मिला था.
हर कोई ये देखकर हैरान रह गया था कि धोनी खुद बैटिंग ऑर्डर में ऊपर क्यों आ गए.
धोनी जानते थे कि अगर वो फेल हुए और टीम इंडिया हारी तो उन्हें इस फैसले के लिए कड़ी आलोचना झेलनी पड़ेगी,लेकिन ऐसे मौके पर भी माही अपने निर्णय पर डेट रहे क्योंकि उन्हें खुद पर भरोसा था.
और इसी भरोसे का यह परिणाम था कि माही ने हमें 2011 में वर्ल्ड चैंपियन बनाया.
2013 चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल
चैम्पियंस ट्रॉफी का फाइनल इंग्लैंड की मेजबानी में एजबेस्टन में खेला जा रहा था.
बारिश के चलते मैच 20-20 ओवर का हो गया था.
इंग्लैंड ने टॉस जीत कर भारत को बल्लेबाजी का न्योता दिया.
भारतीय टीम 20 ओवर में महज 129 रन ही बना सकी.
इंग्लैंड के लिए यह लक्ष्य मुश्किल नहीं था.
चार ओवर के बाद ही धोनी ने स्पिनरों को गेंद थमा दी.
भुवनेश्वर कुमार और उमेश यादव ने मिलकर टीम इंडिया को अच्छी शुरुआत दी थी.
दोनों ने मिलकर सिर्फ 24 रन देकर चार ओवर में इंग्लैंड का एक विकेट झटक लिया था.
लेकिन इसके बावजूद धोनी ने रविंद्र जडेजा और आर अश्विन को गेंद थमा दी.
जडेजा ने एक छोर से रन रोककर प्रेशर बनाया तो अश्विन ने दूसरे छोर से विकेट चटकाया.
इस तरह से टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पांच रन से हराकर चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्जा किया.
महेंद्र सिंह धोनी का सबसे बड़ा झटका
30 दिसंबर 2014, टेस्ट से संन्यास
2014-15 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई थी.
धोनी पहले टेस्ट में चोट की वजह से नहीं खेल पाए थे.
विराट कोहली ने उस मैच की कप्तानी की थी.
एडिलेड में खेला गया वह टेस्ट टीम इंडिया तो हार गई, लेकिन विराट की कप्तानी की जमकर तारीफ हुई.
दूसरा टेस्ट भी टीम इंडिया हारी और ऑस्ट्रेलिया को चार मैचों की सीरीज में अजेय बढ़त मिल गई. मेलबर्न में सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच खेला गया.
30 दिसंबर को मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ.
मैच के बाद धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर सबको चौंका दिया था.
किसी को उम्मीद नहीं थी कि धोनी इस तरह से टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहेंगे.
अपने फैन्स को धोनी ने यह सबसे बड़ा झटका दिया था.
महेंद्र सिंह धोनी का दूसरा बड़ा झटका
4 जनवरी 2017, ODI टी-20 कप्तानी छोड़ने का फैसला
इन्हीं फैसलों के बीच एक और बड़ा फैसला बुधवार को जुड़ गया, जब धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 टीम सिलेक्शन से दो दिन पहले ही कप्तानी छोड़ने की घोषणा कर दी.
धोनी के इस फैसले से क्रिकेट फैन्स हैरान रह गए। हालांकि धोनी ने इस बार सिर्फ कप्तानी छोड़ी है और वह टीम चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे.