भारतीय सेना में भी होगी लड़ाकू महिलाओं की भर्ती, सीमा पर करेंगी दुश्मनों से दो-दो हाथ

महिलाएं लडाकों की भूमिकानई दिल्ली। हर क्षेत्र में अपना जौहर दिखाने के बाद अब महिलाएं लडाकों की भूमिका निभाएंगी। भारतीय सेना ने फैसला किया है कि अब सीमा पर पुरुषों के साथ महिलाओं को भी देश के लिए कुछ कर गुजरने का मौका दिया जाएगा। बता दें वैश्विक स्तर पर कुछ ही ऐसे देश ने जहां महिलाओं को पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जंग के मैदान में उतरने दिया जाता है।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि महिलाओं को लड़ाकू भूमिका देने की तैयारी शुरू हो गई है। मौजूदा दौर में केवल पुरुष ही लड़ाकू भूमिका में रखे जाते हैं। इसके लिए सबसे पहले मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की नियुक्ति होगी।

जनरल रावत ने कहा, ‘मैं महिलाओं को जवान के रूप में नियुक्त करने के बारे में सोच रहा हूं। पहले, हम मिलिट्री पुलिस जवान के रूप में शुरुआत करेंगे।’

इससे पहले इतिहास रचते हुए भारतीय वायुसेना ने पिछले साल तीन महिलाओं को फाइटर पायलट के रूप में नियुक्त किया। भारत सरकार ने प्रायोगिक तौर पर महिलाओं को फाइटर पायलट के रूप में नियुक्त करने का फैसला लिया था।

भारतीय वायुसेना में महिलाओं की नियुक्ति इन्हीं फाइटर पायलटों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किए जाने के बाद होगी। ये तीन फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी, भावना कांठ और मोहना सिंह हैं, जो अब भारतीय वायुसेना के फाइटर स्ववॉड्रन का हिस्सा हैं।

वहीं भारतीय नौसेना जंगी जहाजों पर महिलाओं की नियुक्ति के बारे में विचार विमर्श कर रही है। हालांकि नौसेना की लीगल, लॉजिस्टिक्स, नवल ऑर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग विंग में महिलाओं की नियुक्ति होती है।

जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, नॉर्वे, स्वीडन और इजरायल ने महिलाओं को लड़ाकू भूमिकाओं में नियुक्त किया है।

मिलिट्री पुलिस कैंटोनमेंट और आर्मी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में काम करती है। साथ ही सैनिकों द्वारा नियम और कानून के उल्लंघन को रोकती है।

युद्ध और शांति के समय सैनिकों के आवागमन में मदद करती है। इसके अलावा मिलिट्री पुलिस के जिम्मे युद्धबंदियों की भी जिम्मेदारी होती है और जरूरत पड़ने पर सिविल पुलिस को भी मदद करती है।

बता दें मौजूदा समय में महिलाओं की नियुक्ति कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही होती है। इनमें मेडिकल, लीगल, शिक्षा, सिग्नल और इंजीनियरिंग विंग हैं।

ऑपरेशनल चुनौतियों और लॉजिस्टिकल इश्यूज के चलते महिलाओं को अब तक लड़ाकू भूमिकाओं में नहीं रखा जाता है।

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि वह महिलाओं की नियुक्ति के लिए तैयार हैं और इस पर सरकार के साथ बातचीत चल रही है।

उन्होंने कहा कि लड़ाकू भूमिकाओं में महिलाओं को अपनी ताकत और दृढ़ता दिखानी होगी, ताकि बनी-बनाई रूढ़ियां तोड़ी जा सकें।

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